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Healthy Diet Plan: अस्थमा से पीड़ित लोग अपने खान-पान का रखें खास ध्यान, अदरक वाली चाय से लाभ

ऐसा कहना कि फलाना तरीके के खान-पान से अस्थमा पूरी तरह ठीक हो जायेगा, यह गलत है. हां, खान-पान को बेहतर बना कर इसको कंट्रोल किया जा सकता है. खान-पान में इस बात का ध्यान रखना सबसे जरूरी है कि रोगी को किस खाद्य पदार्थ से एलर्जी है.

Healthy Diet Plan: अस्थमा की बीमारी मुख्य रूप से एलर्जी और संक्रमण के कारण होती है. ऐसे में बचाव से ही इस बीमारी को नियंत्रित रख सकते हैं. बच्चों में यदि शुरुआत में ही इसके लक्षण पहचान लिये जाएं, तो उनका पूर्ण इलाज संभव है. इस बीमारी में मुख्य रूप से कई तरह की एलर्जी के कारण श्वसन नलिकाओं में सूजन आ जाता है, जिससे वे सिकुड़ जाती हैं.

खान-पान से कर सकते हैं कंट्रोल

खान-पान को बेहतर बना कर अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है. चूंकि, यह एलर्जी या संक्रमण जनित रोग है, इसलिए संतुलित और पौष्टिक आहार से रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है. अस्थमा में यह भी ध्यान देने योग्य बात होती है कि रोगी को किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी तो नहीं है. जैसे कुछ लोगों को दूध, अंडा या मछली से एलर्जी हो सकती है. ऐसे में उनके लिए उनका सेवन ठीक नहीं होगा, लेकिन ये कहना कि अस्थमा के हर रोगी को दूध, अंडा या फिर मछली से दूर रहना चाहिए यह गलत है.

विटामिन और मिनरल्स हैं फायदेमंद

रोगी को अपने आहार में ज्यादा मात्रा में फल और हरी सब्जियों का इस्तेमाल करना चाहिए. कई फलों और सब्जियों में विटामिन ए, विटामिन सी एवं एंटीऑक्सिडेंट पाये जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं. इनमें सूजनरोधी गुण होते है, जो फेफड़ों के सूजन को रोकता है. फलों एवं सब्जियों मे कैलोरी कम मात्रा में होती है, इससे आपके वजन में वृद्धि नहीं होती. गाजर, पपीता, सेब, अदरक, लहसून, तीसी आदि को खाने में उपयोग करना चाहिए.

आहार में शामिल करें ओमेगा-3

फैटी एसीड जैसे फ्लैक्स सीड यानी तीसी का उपयोग कर सकते हैं. इसमें ओमेगा-3 फैटी एसीड एवं मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है. इसके अलावा मछली के तेल में भी ओमेगा-3 पाया जाता है. यह दमे के दौरे से बचाता है. वहीं जैतून के तेल में जलनरोधी गुण होता है, जो अस्थमा के इलाज में बेहतरीन साबित होता है. इसे अपने सालाद में मिश्रित करके ले सकते हैं.

लहसुन और अदरक का सेवन

लहसुन और अदरक में एलिसीन नामक एंटीऑक्सिडेंट होता है, जो फ्री रैडिकल्स से लड़ता है और दमे की समस्या से भी राहत दिलाता है. यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बेहतर बनाता है. अदरक को ग्रीन टी के रूप में उपयोग किया जा सकता है.

कॉफी पीना भी फायदेमंद

यह ब्रोन्कोडायलेटर का काम करता है, जो सांस की नली को खोलता है. इससे सांस लेने में आसानी होती है. सुबह के धूप का प्रतिदिन सेवन भी दमे के रोग में लाभकारी है. हालांकि, डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ, बेकरी में बेकिंग पाउडर से बनी सामग्री, कार्बोनेटेड पेय पदार्थ, फास्ट फूड, एलर्जन फूड, दही और खट्टी चीजों से परहेज करना चाहिए.

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