राघोपुर.
नगर पंचायत सिमराही में भले ही आज तक विकास कार्यों का लोगों को दर्शन नहीं हुआ हो, लेकिन साफ सफाई की व्यवस्था से लोगों के मन में ये संतोष था कि हमलोग नगर पंचायत के वासी हैं. लेकिन धीरे धीरे साफ सफाई की व्यवस्था भी लूट खसोट में बदलते नजर आ रही है. जिसके कारण लोगों में नगर पंचायत की कार्यप्रणाली के विरुद्ध दिनोंदिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सब्र की इंतेहा होने के बाद अब आम जनमानस के साथ साथ यहां के पार्षद भी कार्यशैली के विरुद्ध आवाज उठाने लगे हैं. जानकारी देते कई पार्षदों ने बताया कि जब तक एनजीओ के माध्यम से साफ सफाई की व्यवस्था चल रही थी, तब तक कार्य संतोषप्रद था और किसी भी कमी की शिकायत वे लोग एनजीओ मालिक से कर उसका निदान करवाते थे, लेकिन जब से एनजीओ को हटाकर कार्यालय के देखरेख में कार्य शुरू किया गया है, तब से आज तक सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही की जा रही है. व्यवस्था में कमी की शिकायत करने पर सभी कर्मी व अधिकारी एक दूसरे पर आरोप मढ़ना शुरू कर देते हैं, लेकिन निदान करवाने पर किसी का ध्यान नहीं जाता है. बताया कि सफाई में खानापूर्ति किए जाने का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज कोई ऐसा सड़क नहीं है, जिस सड़क में कचरे का अंबार न लगा हो. एनएच 57 में जेपी चौक के बगल मछली मार्केट, पिपराही, एनएच 106, थाना के बगल में, गोलबाजार हाट सहित कई ऐसी जगहें है, जहां कचरे का अंबार लगा रहता है. बताया कि इस संबंध में कई बार अधिकारियों को आवेदन भी दिया गया, लेकिन किसी के द्वारा भी सफाई व्यवस्था को दुरुस्त या सुचारू ढंग से चलाने के लिए कोई पहल नहीं किया जा रहा है. पार्षदों ने बताया कि कचरे से निकलने वाली सड़ांध के कारण लोगों का चलना मुश्किल हो रहा है. इस बाबत सुपरवाइजर को कहा जाता है तो उसके द्वारा कोई न कोई बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है. लोगों ने जिलाधिकारी से आग्रह किया है कि इस दिशा में अपने स्तर से पहल करते हुए यहां के साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त करवाया जाय, ताकि लोगों को कचरे से निजात मिल सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है