गया.
जय प्रकाश नारायण अस्पताल ( सदर हॉस्पिटल ) में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हर वक्त यह बात सामने आती है कि ड्यूटी पर डॉक्टर ही नहीं रहते हैं. अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि जिन्हें यह सारी व्यवस्था को देखाना है, उपाधीक्षक ही अपनी ड्यूटी पर नहीं रहते हैं, तो अन्य का हाल ऐसा रहेगा. मार्च में बिना किसी सूचना के छुट्टी पर जाने के चलते उपाधीक्षक के तीन दिनों का वेतन कट गया है. इसके बाद फिर आचार संहिता में डीएम से बिना छुट्टी लिये ही चले गये हैं. सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि यहां पर उपाधीक्षक का तीन दिनों का वेतन वरीय अधिकारियों के आदेश पर काटा गया है. उपधीक्षक से जब भी वे पूछते हैं, तो उनके द्वारा कहा जाता है कि अस्पताल से तुरंत ही घर पर आये हैं. जबकि, उस वक्त उनके अस्पताल में मौजूद रहने का समय होता है. यहां पर इमरजेंसी वार्ड से डॉक्टरों का गायब होना आम बात हो गयी है. उन्होंने बताया कि उपाधीक्षक को वे साफ तौर कह चुके हैं कि उनका रवैया ठीक नहीं है. इसको लेकर वे डीएम को रिपोर्ट भेज रहे हैं. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि यहां पर सरकार की ओर से डॉक्टरों की तैनाती कर दी गयी है. इसके बाद भी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीजों रेफर ही कर दिया जाता है. इसके चलते एएनएमएमसीएच में मरीज का बोझ बढ़ता जा रहा है. छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज भी यहां संभव नहीं हो पा रहा है. सिविल सर्जन के हस्तक्षेप के चलते अब रेफर करने की संख्या में कमी आयी है. लेकिन, शाम में सिविल सर्जन के नहीं रहने पर ज्यादातर मरीज को रेफर ही कर दिया जाता है.
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