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यज्ञ आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक भी है . कौशिक जी महाराज

यज्ञ आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक भी है क्योंकि यज्ञ से जो गाय के घी तथा संविधा औषधि से हवन होता है. उससे वातावरण भी शुद्ध होता है

बक्सर. यज्ञ आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक भी है क्योंकि यज्ञ से जो गाय के घी तथा संविधा औषधि से हवन होता है. उससे वातावरण भी शुद्ध होता है.1 किलो गाय के घी संविधा युक्त से हवन करने से एक टन ऑक्सीजन का निर्माण होता है. उक्त बातें नगर के पांडे पट्टी ठाकुरबाड़ी स्थित यज्ञ में प्रवचन के दौरान वृंदावन से पधारे कौशिक जी महाराज ने कही. उन्होंने बक्सर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बक्सर ऐसा आध्यात्मिक नगरी है कि श्रीमन नारायण जी उर्फ मामा जी कहते थे, कि मां गंगा का नैहर भी बक्सर ही है, क्योंकि जब परमब्रह्म परमेश्वर बटुकनाथ, वामन भगवान ने यहां की धरती पर अवतार लिए थे. उस समय ब्रह्मा के कमंडल से और श्री हरि के पैरों से गंगा जी का प्रार्दुभाव हुआ. इसके बाद जब परमब्रह्म परमेश्वर राम के रूप में अवतार लिए , तब यहां पर ताड़का मारीच जैसे अनेकों राक्षसों का भयंकर प्रताड़ना चल रहा था. उस समय महर्षि विश्वामित्र जी अयोध्या जाकर और भगवान राम को बक्सर लाकर असुरों से मुक्ति दिलाए तथा उनको बला और अबला विद्या का ज्ञान दिए. इसलिए बक्सर में श्री राम या महर्षि विश्वामित्र केंद्रीय विश्वविद्यालय भी बनना चाहिए . बक्सर में ज्ञान प्राप्त करने के बाद बक्सर के नजदीक अहिरौली में मां अहिल्या का भी तरण भगवान ने किया. इसके बाद महर्षि विश्वामित्र जी ने भगवान को जनकपुर ले जाकर प्रभु राम सहित चारों भाइयों का विवाह संस्कार कराया. इस स्थिति में यदि प्रभु का कहीं पर भी गुणगान हो प्रवचन हो और बक्सर का व्याख्या ना दिया जाए तो वह प्रवचन अधूरा रह जाता है. बक्सर में पौराणिक काल से आज तक अनेकों संत महात्मा हुए. जैसे पौराणिक काल में महर्षि विश्वामित्र आज त्रिदंडी स्वामी जीयर स्वामी और श्रीमन नारायण जी उपाध्यक्ष मामा जी हुए. आज मामा जी का आशीर्वाद और रामदास बाबा के प्रयास से बक्सर की धरती पर आप लोगों का सेवा कर रहा हूं.

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