औरंगाबाद ग्रामीण. पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के गलसी इलाके में भेड़ चराने के दौरान वज्रपात की चपेट में आने से मौत के बाद युवक का शव गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतक की पहचान सदर प्रखंड के फेसर थाना क्षेत्र के देवरिया रुस्तम गांव निवासी 29 वर्षीय उमाकांत कुमार पाल के रूप में हुई है. हालांकि, इस घटना में उमाकांत के साथ गया जिले के भी एक युवक की मौत हुई है. बड़ी बात यह है कि जिस इलाके में युवक की मौत हुई है, उसी इलाके में 25 वर्ष पहले उसके पिता रामपति पाल की भी मौत भेड़ चराने के दौरान ही वज्रपात से ही हुई थी. पिता की मौत के बाद घर की जिम्मेदारी उमाकांत के ही कंधों पर थी. इधर, उमाकांत की मौत के बाद परिवार पर घोर संकट आ खड़ा हो गया. रविवार की शाम परिजनों ने बताया कि उमाकांत भेड़ चराता था और उसी से परिवार का भरण-पोषण करता था. कुछ दिन पहले वह अपने घर से भेड़ों को चराने के लिए लेकर निकला था. भेड़ लेकर वह पश्चिम बंगाल चला गया. शुक्रवार को वह वर्धमान जिले के गलसी इलाके में भेड़ चरा रहा था. इसी दौरान तेज गर्जन के साथ वज्रपात हुई, जहां चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी. मौत के बाद स्थानीय पुलिस शव की पहचान कर परिजनों को सूचना दी और पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के हवाले कर दिया. शनिवार की रात उमाकांत का शव गांव पहुंचते ही मातम पसर गया. हर लोगों की जुबान पर इसी की चर्चा हो रही थी. इस दुखद घटना की खबर सुनकर रविवार को जिला पार्षद अनिल यादव, राजद जिला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव, पूर्व पैक्स अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह, पंचायत समिति सदस्य योगेश कुमार पाल, वार्ड सदस्य संजय मिश्रा, राजद नेता मुन्ना यादव, समाजसेवी देवकीनंदन सिंह, लाला यादव, सुशील यादव, बाढ़ो यादव समेत अन्य लोग पहुंचे और रोते बिलखते परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया. डॉ रमेश यादव ने बताया कि घटना काफी दुखद है. एक ही इलाके में पिता-पुत्र दोनों की मौत हो गयी. परिवार पर घोर संकट आ गया है. उन्होंने स्थानीय प्रशासन से मुवावजा दिलाने की बात कही है. मृतक दो भाइयों में बड़ा था. घटना के बाद मां राधिका कुंवर, पत्नी सुशीला देवी, पुत्र शिवम कुमार, पुत्री महिमा कुमारी समेत अन्य परिवार सदमें में हैं.
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