संवाददाता, चक्रधरपुर
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सिंहभूम सीट के लिए 13 मई को मतदान हुआ. इसमें कड़ी धूप में मतदाताओं का जज्बा भारी पड़ा. सोमवार सुबह सात बजे से मतदान केंद्रों में मतदाताओं का उत्साह देखते बना. चक्रधरपुर अनुमंडल के सभी मतदान केंद्रों में मतदान शांतिपूर्ण हुआ. नक्सल प्रभावित बंदगांव प्रखंड में सभी बूथों पर शांतिपूर्ण मतदान हुआ. मनोहरपुर में नक्सलियों द्वारा पोस्टर लगाने के बाद भी वोटरों का उत्साह कम नहीं हुआ. वहां भी शांतिपूर्ण मतदान हुआ.चक्रधरपुर के बूथ संख्या 219 कारमेल मध्य विद्यालय में इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी जोबा माझी ने मतदान किया. जोबा माझी कारमेल स्कूल के बूथ में सबसे पहले वोट डालने वाली महिला रही. मतदान केंद्रों में महिला मतदाताओं की भीड़ सबसे अधिक रही. वहीं नये मतदाताओं ने भी उत्साह के साथ पहली बार मतदान किया. सुबह सात बजे से नौ बजे तक मतदान की प्रक्रिया काफी तेज रही. इसके बाद कड़ी धूप ने लोगों को परेशान किया, पर मतदान पर इसका विशेष फर्क नहीं पड़ा. धूप की तपिश में भी मतदाता लाइन में लगे रहे. शाम चार बजे से झमाझम बारिश शुरू हो गयी. बारिश के दौरान प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्था की गयी थी. मतदान करने के बाद मतदाताओं ने सेल्फी केंद्र में खूब तस्वीर खिंचवाये. भाजपा, झामुमो समेत अन्य दलों के समर्थक बूथों में शाम तक जमा रहे. अपने-अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए मतदाताओं को बूथों तक पहुंचाया.
322 से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से गायब, वोटरों ने किया विरोध
रेलवे क्षेत्र के एसटीपी स्कूल पोर्टरखोली में बूथ संख्या-224, 225, 226 व 227 में मतदाताओं की संख्या 3031 है. पर 322 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब था. सूची में नाम नहीं रहने से 322 से अधिक मतदाता मतदान करने वंचित रह गये. पोलिंग दल ने कहा कि आपलोगों का नाम सूची में नहीं है. डिलीट हो गया है. मतदान से वंचित मतदाताओं ने भाजपा नेता पवन शंकर पांडे को जानकारी दी. भाजपा नेता वोट देने पहुंचे तो उनका नाम भी सूची से गायब मिला. वैसे मतदाता जो इस दुनिया में नहीं हैं, उनका नाम मतदाता सूची में शामिल था. इसपर लोगों ने भारी विरोध किया. नाराज वोटरों ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने घर बैठे सर्वे किया है. इस कारण गड़बड़ी हुई. भाजपा नेता पवन शंकर पांडे ने बताया कि शहर का सबसे बड़ा मतदान केंद्र एसटीपी स्कूल पोर्टरखोली में है. पर बीएलओ की लापरवाही से मतदाताओं के नाम सूची से डिलीट हो गया है. इसके बाद उन्होंने उपायुक्त से बातचीत की. उपायुक्त ने आश्वासन देते हुए कहा कि मतदाता घबरायें नहीं. सभी का मतदान होगा. इस पर कार्रवाई की जा रही है.बरकानी के ग्रामीणों ने किया वोट का बहिष्कार, एसडीओ के समझाने के बाद भी नहीं माने
चक्रधरपुर प्रखंड की हतनातोड़ांग पंचायत के प्राथमिक विद्यालय बरकानी में ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया. यहां के ग्रामीणों ने बताया कि मांग के बावजूद गांव तक सड़क का निर्माण नहीं किया गया. मामले की जानकारी मिलने पर सीओ गिरिजानंद किस्कू मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, पर ग्रामीण नहीं माने और वोट बहिष्कार कर दिया. सीओ ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए डीपीआर बन गयी है. आचारसंहिता के कारण सड़क नहीं बनी है. आचारसंहिता हटने के बाद सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा, पर ग्रामीण नहीं माने. ग्रामीणों का कहना था कि जब तक सड़क नहीं बनेगी, तबतक वोट नहीं डालेंगे. ग्रामीणों को समझाने के लिए एसडीओ रीना हांसदा भी केंद्र के पास पहुंची. एसडीओ के समझाने के बावजूद ग्रामीणों ने वोट नहीं डाले. ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे. प्राथमिक विद्यालय बरकानी में 441 वोटर हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जनप्रतिनिधि इस गांव पर ध्यान नहीं देते हैं. इस कारण वोट का बहिष्कार किया गया है.सुरबुड़ा में 107 वोटरों के नाम डिलीट, किया हंगामा
इस बार मतदाता सूची से नाम डिलीट होने की काफी शिकायत मिली. सुरबुड़ा पंचायत के बूथ संख्या 102 प्राथमिक विद्यालय सुरबुड़ा में 107 वोटरों के नाम डिलीट हो गये हैं. इस कारण मतदान करने आये वोट देने से वंचित रह गये. वोट से वंचित वोटरों ने हंगामा किया. उन्होंने चैंलेज करना चाहा, लेकिन प्रशासन करने नहीं दिया. मतदान सूची से मोनू मुंडा, घासीराम मुंडा, मनोज हेंब्रम, कमलेश मुंडा, प्रेम मुंडा, विजय बोदरा, विक्रम मुंडा, कौशल्या मुंडा, मेचों मुंडा, नंदी मुंडा समेत 107 वोटरों के नाम डिलीट हो गये हैं. वोटरों ने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. हमें अपना अधिकार देने से वंचित किया गया है.
बूथों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे
चक्रधरपुर अनुमंडल के संवेदनशील व अतिसंवेदनशील बूथों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. बूथों पर पुलिस के जवान काफी सक्रिय रहे. बूथ पर आने जाने वाले सभी लोगों पर पुलिस की पैनी नजर रही. चक्रधरपुर, टोकलो, बंदगांव के बूथों को पुलिस ने कई सर्किल में घेराबंदी कर रखी थी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बूथों में भी मतदाताओं ने भयमुक्त होकर मतदान किया.
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