प्रतिनिधि, पूर्णिया. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक डॉ विकास कुमार ने एक बार फिर अपनी निःस्वार्थ सेवा और समर्पण भाव का परिचय देते हुए एक नन्हें मासूम की सांसें लौटायी. बच्चे के माता-पिता ने डॉ. विकास का आभार व्यक्त किया है. घटना रविवार रात की है. करीब 10 बजे डॉ. कुमार को एक डेढ़ वर्षीय बच्चे की नाक में पत्थर का टुकड़ा फंसने से मामला गंभीर होने की सूचना मिली. जानकारी मिलते ही डॉ. कुमार बिना देरी किये अपने घर से निकल पड़े और अस्पताल पहुंचकर बच्चे की इलाज में जुट गये. कुछ ही देर में उन्होंने बच्चे की नाक से पत्थर को निकालने में सफलता हासिल कर ली. उक्त पत्थर का आकार मूंगफली के दाने से भी बड़ा था. डॉ. विकास ने बताया कि इलाज में विलंब होने पर नाक में सूजन के बढ़ने का खतरा था और फिर ऑपरेशन ही एक मात्र विकल्प बचता. इलाज के बाद बच्चे की हालत स्थिर होने पर उसे अभिभावकों को सौंप दिया गया. बच्चे के परिजन ने बताया कि खेलने के दौरान बच्चे ने अपनी नाक में पत्थर फंसा लिया था. इसके बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. बच्चे की अकुलाहट और बेचैनी को देख वे सभी घबरा गये. जब अस्पताल पहुंचे तो उन्हें डॉ. विकास की ड्यूटी ऑफ मिली, लेकिन ज्यों ही उन्हें सूचना दी गयी उन्होंने बिना देरी किए घर से आकर बच्चे का इलाज किया. जीएमसीएच के अन्य चिकित्सकों ने भी डॉ. कुमार की प्रशंसा की है. बताते चलें कि इससे पूर्व भी डॉ. विकास ने एक बच्चे के गले में फंसे हुए सिक्के को सफलतापूर्वक सरकारी अस्पताल में ही निकलवा चुके हैं.
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