Sushil Modi Death मैं उनसे आपातकाल के दौर, या यों कहें कि इससे कुछ पहले छात्र आंदोलन के दौर में परिचित हुआ था. इसके बाद हम लोग संसदीय जीवन में सालों साथ रहे. सुशील कुमार मोदी कट्टर भाजपाई होते हुए भी सामाजिक रिश्तों में बेहद संवेदनशील बने रहे. उनके उदार रवैये का सबसेे बड़ा सुबूत उनकी इफ्तार पार्टी थी, जिसमें अधिकतर अल्पसंख्यक नेता शामिल हुआ करते थे. उनकी इफ्तार पार्टी हर साल होती थी. इफ्तार की दावत भाजपाई खेमे की तरफ पहला आयोजन कहा जा सकता है. जहां तक अल्पसंख्यक समुदाय की बात है, तो उनकी राजनीति को लेकर अल्पसंख्यकों के बीच मतांतर रहा. उनके राजनीतिक नजरिये से अल्पसंख्यक लोग सहमत नहीं हुआ करते थे, लेकिन सुशील मोदी के व्यक्तिगत और सामाजिक नजरिये को सभी अच्छा मानते थे. उनका सामाजिक जीवन बेहद प्रभावित करने वाला था. देखिए वीडियो सुशील मोदी को लेकर और क्या कुछ कहा आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी…
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