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सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में विधायक रीतलाल यादव समेत चार आरोपित बरी

एमपी एमएलए के विशेष जज विनय प्रकाश तिवारी की अदालत ने मंगलवार को बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में विधायक रीतलाल यादव समेत चार आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या 30 अप्रैल, 2003 को गोली मारकर कर दी गयी थी.

-20 साल बाद आया विशेष अदालत का फैसला-30 अप्रैल, 2003 को भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की गोली मार कर कर दी गयी थी हत्या

न्यायालय संवाददाता, पटना : पटना एमपी एमएलए के विशेष जज विनय प्रकाश तिवारी की अदालत ने मंगलवार को बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में दानापुर के राजद विधायक रीतलाल यादव समेत चार आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. विशेष कोर्ट ने इस मामले में अन्य जिन अभियुक्तों को बरी किया है, उनमें श्रवण यादव, सुनील यादव उर्फ काना, रंजन यादव उर्फ बेगा शामिल हैं. भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की हत्या अपराधियों ने 30 अप्रैल, 2003 को गोली मारकर कर दी थी.

जमालुद्दीन चक के पास के पास हुई थी गोली मार कर हत्या

उक्त मामला दानापुर थाना कांड संख्या 200/2003 से संबंधित है, जिसे मृतक सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी आशा देवी ने एक मई, 2003 को दर्ज कराया था. आशा सिन्हा ने अपने फर्द बयान में दर्ज कराया था कि वह 30 अप्रैल, 2003 की सुबह 11:30 बजे अपनी बोलेरो गाड़ी से जीवन यादव, संजय कुमार, नागेश्वर प्रसाद, धीरज कुमार और अरुण कुमार के साथ जा रही थीं. गाड़ी को सत्यनारायण सिन्हा चला रहे थे. जब गाड़ी जमालुद्दीन चक के पास रामबाबू पथिक के घर पहुंची, तो उनके घर के सामने एक उजले रंग की मारुति वैन रोड पर लगी हुई थी. उसे इस तरह खड़ा किया गया था कि दूसरी गाड़ी आगे निकल न सके. जब मैंने गाड़ी को हटाने को कहा, तो उसी समय दरवाजा खोलकर तीन आदमी हथियार से लैस होकर निकले और सत्यनारायण सिन्हा पर गोली चलाकर हत्या कर दी.

चार नामजद और 8-10 पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी

इस हत्याकांड में रीतलाल यादव, सुनील यादव उर्फ काना, रंजन कुमार उर्फ बेगा, श्रवण यादव और अन्य अज्ञात 8-10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था. मामले में पुलिस ने 26 अक्तूबर, 2004 को रीतलाल यादव, सुनील यादव, रंजन कुमार उर्फ बेगा व श्रवण यादव के खिलाफ भादवि की धारा 143, 148, 149, 323, 324, 307, 302 व 27 आर्म्स एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया. मामले में श्रवण यादव, सुनील यादव उर्फ काना, रंजन यादव उर्फ बेगा के खिलाफ आठ अगस्त, 2007 को आरोप का गठन किया गया, जबकि रीतलाल लाल के खिलाफ आरोप का गठन 12 अप्रैल, 2012 को किया गया था. उक्त मामले में विशेष कोर्ट में दो सत्र विचारण सेशन ट्रायल 246/2006, जिसमें सुनील यादव उर्फ काना, रंजन यादव उर्फ बेगा व श्रवण यादव के खिलाफ मामले की सुनवाई की गई, जबकि इसका पूरक सत्र विचारण 246( ए)/2006 में विधायक रीतलाल यादव के खिलाफ मामले की सुनवाई हुई. मामले में अभियोजन ने कुल 11 गवाहों को प्रस्तुत किया. उक्त मामला विचारण के दौरान लगभग 13 कोर्ट से स्थानांतरित होकर एमपी एमएलए की विशेष कोर्ट में आया.

हाइकोर्ट ने बिना स्थगन के सुनवाई का दिया था आदेश

विचरण में इस मामले की देरी के चलते आशा सिन्हा ने वर्ष 2016-17 में पटना हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर मामले के त्वरित निष्पादन का निवेदन किया था. उस आवेदन के आलोक में पटना हाइकोर्ट ने छह नवंबर, 2023 को एमपी एमएलए के विशेष कोर्ट को निर्देश दिया कि इस मामले की सुनवाई बिना स्थगन के की जाये और इसका त्वरित निष्पादन हो, इस आदेश के आलोक में विशेष कोर्ट ने 14 मई, 2024 को मामले में फैसला दिया.

कोर्ट के फैसले से निराश हूं, ऊपरी अदालत में चुनौती दूंगी: आशा सिन्हा

चार अभियुक्तों की रिहाई पर मृत सत्यनारायण सिन्हा की पत्नी व पूर्व विधायक आशा सिन्हा ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले से बहुत निराश हूं. इस निर्णय को ऊपरी अदालत में चुनौती दूंगी. आशा सिन्हा विशेष कोर्ट में निर्णय आने के पूर्व दोपहर लगभग 12:00 बजे अपने अधिवक्ता के साथ कक्ष में फैसले का इंतजार कर रही थीं. अदालत ने लगभग 12:35 बजे फैसला सुनाते हुए सभी अभियुक्तों को रिहा करने की घोषणा कर दी. अदालत ने सर्वप्रथम अभियुक्तों काे नाम लेकर पुकार करवाया, इसके बार रिहाई का आदेश दे दिया.

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