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विश्व हाइपरटेंशन दिवस 17 को, तनावमुक्त जीवनशैली है मददगार

हाइपरटेंशन से बचाव के लिए हर वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है.

मधुबनी. हाइपरटेंशन से बचाव के लिए हर वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष के विश्व हाइपरटेंशन दिवस की थीम-“मेजर योर ब्लड प्रेशर एक्यूरेटली, कंट्रोल इट, लाइव लॉगर”””””””” पर आधारित है. इस थीम का मतलब है कि लॉग लाइफ जीने के लिए अपना ब्लड प्रेशर मापे और कंट्रोल करें. असामान्य और असंतुलित जीवनशैली उच्च रक्तचाप के जोखिम को बढ़ाती है. चिंता की बात यह है कि दुनियाभर में हृदय रोग और असमय मौत के प्रमुख कारणों में से एक उच्च रक्तचाप है. विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के अवसर पर 17 से 23 मई तक सदर अस्पताल से लेकर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क चिकित्सा सह जांच परामर्श सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. एनसीडी क्लीनिक से मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2023- 24 में जिले के 1 लाख 66 हजार मरीजों को चिन्हित किया गया है. इसमें 74 हजार 199 पुरुष एवं 91 हजार 879 महिला शामिल है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश की करीब 35 प्रतिशत से अधिक आबादी उच्च रक्तचाप से पीड़ित है. इसमें 25 प्रतिशत शहरी और 10 प्रतिशत ग्रामीण आबादी हाइपरटेंशन से ग्रसित है. जबकि जिले की लगभग 21 प्रतिशत आबादी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है. जिसमें 15 वर्ष से अधिक उम्र के 23.2 प्रतिशत महिलाएं एवं 19.5 प्रतिशत पुरुष शामिल हैं. यह क्रोनिक मेडिकल कंडीशन है. इसके कारण रक्त धमनियों में खून का दबाव काफी बढ़ जाता है. जिसके कारण जिगर, गुर्दा, मस्तिष्क, हृदय और आंखों को काफी नुकसान पहुंच सकता है. सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि हाइपरटेंशन की वजह से इन अंगों पर होने वाला नुकसान ब्लड प्रेशर के लेवल और उसकी अवधि पर निर्भर करता है. क्या है हाइपरटेंशन सीएस ने कहा इसे सामान्य भाषा में उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है. यह दो प्रकार का होता है. पहला एसेंशियल हाइपरटेंशन जो मूलतः अनुवांशिक, अधिक उम्र होने, अत्यधिक नमक का सेवन तथा लचर एवं लापरवाह जीवनशैली के कारण होता है. दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन जब उच्च रक्तचाप का सीधा कारण चिह्नित हो जाये तो उस स्थिति को सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं. यह गुर्दा रोग के मरीजों तथा गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है. हृदय रोग विशेषज्ञ डा. जीके गिरी ने कहा कि खराब जीवनशैली के कारण धीरे-धीरे किशोर एवं युवक भी इस गंभीर समस्या से पीड़ित हो रहे हैं. इसलिए बिगड़ती जीवनशैली को ठीक करना बहुत जरूरी है. आहार में फास्टफ़ूड की जगह फलों का सेवन, सुबह जल्दी उठना एवं रात में जल्दी सोना, अवसाद एवं तनाव से बचना एवं नियमित व्यायाम से इस रोग से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अधिकतर हाइपरटेंशन के रोगियों को मालूम भी नहीं रहता कि वह इससे ग्रसित हैं और इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं. इसकी अनदेखी करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मस्तिष्कघात, लकवा, ह्रदयरोग, किडनी का काम करना बंद हो जाना जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. ये है कारण तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है. इसके अलावे धूम्रपान करना, मोटापा, अत्यधिक शराब का सेवन, अच्छी नींद का न लेना, चिंता, अवसाद, भोजन में नमक का अधिक प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थायराइड की समस्या हाइपरटेंशन का कारण हो सकता है.

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