कसमार. बोकारो जिला भू-अर्जन विभाग ने गोला प्रखंड के बरलांगा से शिबू सोरेन के पैतृक गांव नेमरा होते हुए कसमार तक निर्माणाधीन सड़क चौड़ीकरण कार्य के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा भुगतान को लेकर सोमवार को कसमार प्रखंड मुख्यालय के सभागार में कैंप कोर्ट लगाया. इस दौरान प्रखंड के बगदा गांव के 76 एवं पिरगुल गांव के 19 रैयतों के भुगतान संबंधित मामलों की सुनवाई हुई. इस दौरान अनेक ऐसे मामले सामने आए, जहां आपसी विवाद या रैयतों के परिवार में आपसी सहमति नहीं बन पाने के करण भुगतान नहीं हो पा रहा है. इस दौरान रैयतों को संबोधित करते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारिका बैठा ने बताया कि संबंधित गांवों के रैयतों के लिए दावा प्रस्तुत करने की यह अंतिम सुनवाई है. इसके बाद भी अगर रैयत मुआवजा के लिए आपसी सहमति नहीं बना पाते हैं तो उनका पैसा एलए कोर्ट, हजारीबाग भेज दिया जाएगा और बाद में उन्हें आपसी सहमति बनाकर वहीं से पैसा निकालना पड़ेगा. श्री बैठा ने कहा कि विभाग की यह कोशिश है कि रैयत छोटे-छोटे विवादों को सुलझा कर परिवार में आपसी सहमति बनाएं, ताकि उनका मुआवजा भुगतान कर दिया जाए और उन्हें कोर्ट का चक्कर नहीं लगाना पड़े. शिविर में विभाग के सहायक रूपेश कुमार, अंचलाधिकारी सुरेश कुमार सिन्हा, अमीन अनुज कुमार व सनत महतो, अंचल निरीक्षक, कार्य एजेंसी गंगा कंस्ट्रक्शन के अधिकारी नरेंद्र कुमार पांडेय, सौरभ साहू, विकास तिवारी आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है