15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हाथी ने दर्जनाधिक घरों को पहुंचाया नुकसान, फसलें रौंद डालीं

बिछड़े हाथी को झुंड से मिलने का हो रहा प्रयास

सरिया.

बीते करीब 10 दिनों से झुंड से बिछड़ा हाथी सरिया नगर पंचायत क्षेत्र में रोज कहीं ना कहीं कहर बरपा रहा है. उसके तांडव से लोग काफी सहमे हुए हैं. क्षेत्र में लगातार उत्पात से आम लोगों की तरह वन विभाग की टीम की नींद भी हराम हो चुकी है. सोमवार की रात भी इसने बड़की सरिया नगर पंचायत क्षेत्र के चंद्रमारणी में खेतों में लगी फसलें चट कर लीं. कई खेतों में लगी फसलें रौंद डालीं. कई ग्रामीणों की चहारदीवारी तोड़ डाली.

रात करीब नौ बजे चंद्रमारणी पहुंचा :

सोमवार की रात लगभग करीब नौ बजे झुंड से बिछुड़ा हुआ इकलौता हाथी बड़की सरिया नगर पंचायत क्षेत्र के चंद्रमारणी स्थित नारायण महतो, नीलकंठ प्रसाद, मुनीलाल प्रसाद आदि किसानों के खेत में लगी फसलों को चट कर गया. अन्य फसलों को रौंद दिया. गुलाब मंडल के खेत में लगी फसलों को बर्बाद कर दिया. स्थानीय लोगों ने हाथी को भगा दिया. लगभग दस बजे रात हाथी पंडुइयाटांड़ मोहल्ला पहुंचा. यहां शंभु महतो, राजू मंडल आदि की चहारदीवारी ध्वस्त कर दी. बगल में अजय मंडल व विजय मंडल के खेतों में लगी मकई, भिंडी, तरबूज, खीरा, ककड़ी, करैला आदि फसलों को चट कर गया.

ग्रामीणों से सहयोग की अपील :

सूचना पर विभागीय टीम लगभग पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद हाथी को जंगल की ओर भगाया जा सका. इस बाबत रेंजर ने बताया कि झुंड से बिछड़े हाथी को भगाकर इसके समूह से मिलाने का अथक प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने स्थानीय लोगों से जंगली जानवरों को तंग नहीं करने की अपील की. उनसे सचेत रहने को कहा गया है. जंगली जानवरों के आबादी वाले इलाकों में प्रवेश करने पर विभाग को सूचित करने को कहा गया. उन्होंने कहा कि सिमटे जंगल के कारण जंगली जानवर गांव में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने वनों की सुरक्षा के लिए विभाग को सहयोग करने के लिए ग्रामीणों सामने आने को कहा है.

दो दशक से जारी है क्षेत्र में हाथियों का कहर :

विदित हो कि बीते लगभग दो दशक से सरिया अनुमंडल क्षेत्र में हाथियों का कहर जारी है. प्रतिवर्ष आठ-दस माह इस क्षेत्र के जंगलों में इनका झुंड अपना डेरा जमाए रहता है. इस दौरान मकानों को तोड़ना, खेतों में लगी फसलों को चट कर जाना, विद्यालयों में रखे एमडीएम को खा जाना आम बात है. हाथियों के हमले से दर्जनों लोगों को जान गंवानी पड़ी है. हाथी आने पर वन विभाग की टीम सीमा क्षेत्र से दूसरे वन प्रमंडल क्षेत्र में हाथी को बाहर कर देने में काम की इतिश्री समझ लेते हैं. यह प्रक्रिया बीते दो दशकों से चल रही है. इस व्यवस्था से आम लोग काफी नाराज हैं. आम लोगों को अपेक्षा है कि सरकार हाथियों के लिए स्थायी रूप से आश्रयस्थली का निर्माण करें, ताकि आम जनता सुरक्षित महसूस कर सके.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें