संवाददाता, कोलकाता
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2047 तक देश की अर्थ-व्यवस्था को 30-35 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जरूरी है कि आगामी 23 वर्षों तक देश की जीडीपी विकास दर प्रति वर्ष आठ प्रतिशत से अधिक रहे. जयशंकर यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार मुख्य रूप से तीन महत्वपूर्ण दिशा में काम कर रही है. केंद्र सरकार आधारभूत सुविधाओं के विकास पर विशेष जोर दे रही है. आज देश में प्रतिदिन 28 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो रहा है, जबकि हर रोज 14 किलोमीटर रेललाइन बिछायी जा रही है. केंद्र सरकार देश में एयरपोर्ट की संख्या भी लगातार बढ़ा रही है. पिछले 10 वर्षों में 75 नये एयरपोर्ट बने हैं. केंद्र सरकार का दूसरा लक्ष्य तकनीक का विकास करना है. केंद्र सरकार अब तक मेड इन इंडिया, मेक इन इंडिया के बाद अब मेक फ्रॉम इंडिया पर जोर देना चाहती है. जयशंकर ने कहा कि इन योजनाओं को सही तरह से लागू करने के लिए गुड गवर्नेंस काफी जरूरी है और केंद्र की मौजूदा सरकार इसके बेहतर प्रशासन के लिए प्रतिबद्ध है.
जयशंकर ने कहा कि देश में 90 के दशक में आर्थिक सुधार किया गया था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारें इकोनॉमिक रिफॉर्म के बावजूद देश को सही दिशा नहीं दे पायीं. एक तरह से उन लोगों ने सुनहरा मौका खो दिया था. लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार ने ना सिर्फ सुनहरे मौके को पकड़ा है, बल्कि अब उस पर सवार होकर विकास की गति को आगे भी बढ़ा रही है. इसका उदाहरण हमें कोविड के दौरान ही देखने को मिला है. जहां एक ओर कई देश अभी भी कोविड महामारी के कारण हुए आर्थिक नुकसान से उबर नहीं पाये हैं, वहीं भारत ने सात प्रतिशत की जीडीपी विकास दर हासिल किया है. जयशंकर यहां इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से ””विकसित भारत @ 2047”” की थीम पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस मौके पर एसके बाजाेरिया ग्रुप की निदेशक व एडुनेट फाउंडेशन की संस्थापक स्मिता बाजाेरिया ने कार्यक्रम का संचालन किया. मौके पर इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के महानिदेशक राजीव सिंह व पूर्व अध्यक्ष प्रदीप सुरेका सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे.
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