जमशेदपुर:जमशेदपुर प्रखंड के केरुआडुंगरी पंचायत अंर्तगत एक गांव है छोटा तालसा. यह गांव चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस गांव के पास ही भारत सरकार का एक प्रतिष्ठान तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट है. बावजूद इसके विकास की किरणें यहां तक नहीं पहुंची है, लेकिन यहां के युवकों के मन में कुछ करने का जज्बा है. वे पढ़-लिखकर डाक्टर, इंजीनियर, आइएएस व आइपीएस व अन्य सरकारी नौकरी में जाना चाहते हैं. ऐसे में गांव में बना एक छोटा सा लाइब्रेरी उनके सपनों को पंख देने का काम कर रहा है. इसका नाम सिदो-कान्हू लाइब्रेरी रखा गया है. लाइब्रेरी में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के 300 से ज्यादा पुस्तकें हैं. केरुवाडुंगरी पंचायत के मुखिया कान्हू मुर्मू के प्रयास से टीएसआरडीएस के द्वारा लाइब्रेरी में किताबें मुहैया करायी गयी है. यहां के कई युवकों ने इस लाइब्रेरी में ही पढ़ कर सरकारी व अन्य कंपनियों में नौकरी पायी है.
छात्र मिलजुलकर लाइब्रेरी का करते हैं संचालन
लाइब्रेरी का संचालन कोई और नहीं बल्कि वहां पढ़ने वाले छात्र ही मिलजुलकर संचालन करते हैं. लाइब्रेरी को संचालन में आने वाला खर्च में भी सबकी समान भागीदारी होती है. यानी आपसी चंदे से ही लाइब्रेरी का संचालन होता है. वाली खर्च
सुबह छह बजे से नौ बजे और फिर 10 से शाम 4 बजे तक यह लाइब्रेरी प्रतिदिन खुली रहती है. लाइब्रेरी में आदिवासी-मूलवासी परिवार के बच्चे पढ़ते हैं. गांव के ही अध्ययनरत छात्र मिल-जुल कर इस लाइब्रेरी का संचालन भी करते हैं.
छात्रों का मनोबल है काफी मजबूत
इसी लाइब्रेरी से अध्ययन करने वाले नंदी मुर्मू बीएससी कर दो साल से एटोमिक मिनरल डिविजन में काम कर रहे हैं. इसी तरह दशमत मुर्मू आर्मी में ऑफिसर हैं. वहीं बाबूलाल हांसदा टिस्को अप्रेंटिसशिप व जयराम मुर्मू सरकारी जॉब में हैं. इतना ही नहीं, लाइब्रेरी का समुचित उपयोग कर अब तक दर्जनों छात्र-छात्राएं प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हुए हैं. लाइब्रेरी के छात्रों को लगातार विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलने से उनका मनोबल काफी मजबूत है. उन्हें भी उम्मीद है कि उनका मेहनत एक ना एक दिन रंग जरूर लायेगा. पूर्व सांसद डॉ अजय कुमार ने यहां सोलर लाइट की व्यवस्था की थी ताकि छात्रों को पढ़ने में कोई परेशानी ना हो.
सीनियर छात्र ही जूनियर को करते हैं गाइड
इस लाइब्रेरी में हर आयु वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं. यहां बच्चों को पढ़ाने के लिए कोई अलग से शिक्षक नहीं हैं. बल्कि यहां के सीनियर छात्र ही जूनियर छात्रों को पढ़ाते हैं. वे छोटे बच्चों को विभिन्न विषयों को पढ़ने-लिखने में सहयोग करते हैं. साथ ही आवश्यक गाइडलाइन देते हैं. इसी तरह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी सामूहिक स्टडी से करते हैं. छात्र एक-दूसरे को पढ़ाई में सहयोग करते हैं. फिलहाल पहली कक्षा से लेकर ग्रेजुएशन तक के करीब 125 छात्र-छात्राएं इस लाइब्रेरी में पठन-पाठन कर रहे हैं. वे प्रतिदिन अपने समयानुसार आते हैं और अध्ययन करते हैं. इस तरह यह लाइब्रेरी कम संसाधन में भी बच्चों में पढ़ाई के प्रति जज्बा पैदा कर रहा है.
2014 में लाइब्रेरी की हुई थी स्थापना
मुखिया कान्हू मुर्मू बताते हैं कि पहले पढ़ाई के प्रति यहां के बच्चों में रूचि नहीं के बराबर थी. यहां ज्यादातर लोग नशे की गिरफ्त में थे. गांव में सबसे पहले ग्रामीणों की मदद से ही नशापान को बंद कराया गया. गांव के युवकों ने ही जन-जागरण अभियान चलाया. इसके बाद 2014 में लाइब्रेरी की स्थापना की गयी और युवकों को इससे जोड़ा गया. आज इस लाइब्रेरी से पठन-पाठन करने के लिए कई छात्रों को नौकरी लग चुका है. यह लाइब्रेरी के साथ गांव के लिए गौरव की बात है.
Advertisement
सपनों की उड़ान को पंख दे रहा छोटा तालसा गांव का सिदो-कान्हू लाइब्रेरी
जमशेदपुर:जमशेदपुर प्रखंड के केरुआडुंगरी पंचायत अंर्तगत एक गांव है छोटा तालसा. यह गांव चारों ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस गांव के पास ही भारत सरकार का एक प्रतिष्ठान तुरामडीह यूरेनियम प्रोजेक्ट है. बावजूद इसके विकास की किरणें यहां तक नहीं पहुंची है, लेकिन यहां के युवकों के मन में कुछ करने का […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement