पूर्णिया. जिले में लंबित कांडों के डिस्पोजल करने को लेकर बुधवार को प्रक्षेत्र के डीआइजी विकास कुमार की अध्यक्षता में पुलिस कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई. कांड के अनुसंधान एवं निष्पादन के लिए मिशन @75 के तहत कांडों का वर्गीकरण, प्राथमिकता के आधार पर निष्पादन आदि की समीक्षा की गई. इस मौके पर डीआइजी विकास कुमार ने बताया कि जिले में 3500 के करीब मामले लंबित हैं. लंबित मामलों की संख्या को शून्य करने को लेकर बैठक आयोजित की गई थी. इस दौरान एक-एक केस की समीक्षा करने के साथ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि एसपी को दिशा निर्देश दिये गये हैं कि ऐसे केस के अनुसंधानकर्ता, जो मामले को डिस्पोजल करने में कोताही बरत रहे हैं, उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें. डीआइजी ने बताया कि लंबित मामलों के डिस्पोजल समय से नहीं होने की वजह से पीड़ित को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है. साथ ही इससे संसाधन का भी काफी दुरुपयोग होता है. उन्होंने बताया कि कुछ ऐसे अनुमंडल हैं, जहां काफी संख्या में केस लंबित हैं. यहां समय से केस का डिस्पोजल नहीं हो पा रहे है. उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों को लेकर एसपी को लगातार मॉनिटरिंग करने के साथ कैस के डिस्पोजल करने को लेकर भी सख्त दिशा निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने बताया कि कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गई और इस मामलों को लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गये हैं. समीक्षा बैठक में एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार,सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार, ट्रैफिक पुलिस उपाधीक्षक कौशल किशोर कमल,यातायात पुलिस उपाधीक्षक, साइबर पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस लाइन रक्षित पुलिस उपाधीक्षक कृष्ण कुमार के अलावा सर्किल इंस्पेक्टर को बुलाया गया था.
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