मेदनीचौकी. सूर्यगढ़ा-मुंगेर एनएच 80 सड़क मेदनीचौकी पोषक क्षेत्र में खलिहान बन गया है. जनता को सुरक्षा देने वाले जिम्मेदारों के चुप रहने से एनएच 80 सड़क पर चलने वाले बड़े-छोटे वाहनों व राहगीरों की जान खतरे में है. मेदनीचौकी क्षेत्र में पहाड़पुर से लेकर देवघरा-मिल्की तक के किसान मकई को सुखाना, दौनी करना तथा बेचने का कार्य एनएच 80 सड़क पर ही करता है. जानकारी के अनुसार किऊल नदी के उस पार दियारा में ज्यादातर मकई का फसल किसान उपजाकर एनएच 80 सड़क पर ले आते हैं और एनएच 80 सड़क को ही खलिहान बनाकर मकई का दौनी व सुखाने का कार्य कर बेच देते हैं. इस कार्य में लगभग इस इलाके के सभी किसानों को लगभग एक पखवाड़े से अधिक समय लग जाता है. अब सवाल ये उठता है कि किसानों को एनएच को खलिहान बनाना मजबूरी है या फिर जान-बूझकर सड़क पर काम करते हैं ये बड़ा सवाल है. सड़क पर काम करने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म मिल जाता है. मकई को बेचने में भी आसानी होती है. मोटा अनाज होने के कारण किसानों को ढुलाई से राहत मिलती है. ऐसी बात नहीं है कि सभी किसानों को जगह की कमी है. कुछ किसान ऐसे हैं, जिसके पास जगह की कमी हो सकती है लेकिन देखा-देखी सभी किसान एनएच 80 सड़क का ही अतिक्रमण कर खलिहान का उपयोग लेते हैं. इधर, जिम्मेदार भी आते-जाते सारे मामलात को देखते हुए नजरअंदाज करते हैं. ये विडंबना देखा जा रहा है.
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