मुजफ्फरपुर. सीता नवमी (जानकी नवमी) हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, 17 मई, की सुबह 9 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. ऐसे में सीता नवमी का व्रत 17 मई को मनाया जाएगा. यह बातें सिमरा नारायणपुर सिद्धशक्ति पीठ व भविष्य दर्शन केंद्र के संस्थापक बाबा गिरधर गोपाल चौबे ने कहीं. बताया कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मां सीता का जन्म हुआ था. मां सीता के जन्मोत्सव को जानकी नवमी या सीता नवमी के नाम से जानते हैं. माता सीता भगवान श्रीराम की पत्नी हैं. अपने त्याग व समर्पण के लिए पूजनीय हैं. हिंदू धर्म में जानकी नवमी का विशेष महत्व है. खासकर मिथिला क्षेत्र में सीता नवमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. सीता नवमी के दिन व्रत रखने का महत्व है. इस पावन दिन सुहागिन पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. मां सीता की पूजा-अर्चना करने से सभी तरह की समस्याएं दूर हो जाती हैं. इस दिन रामचरितमानस पथ, सुंदरकांड, बजरंगबाण, श्री जानकी स्तुति पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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