टीएमबीयू के पीजी गांधी विचार विभाग में बुधवार को आचार्य निर्मल की पुण्यतिथि पर बिहार के विकास की चुनौती विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी ऑनलाइन व ऑफलाइन मोड में आयोजित किया गया. ऑनलाइन माध्यम से जुड़े सर्वोदय आंदोलन के ओम प्रकाश ने कहा कि पढ़ाई के पारंपरिक आयाम के अलावे भी कई आयाम हैं, जहां से रोजगार और उद्यम के नये द्वार खोले जा सकते हैं. हिस्टोरिकल टूरिज्म में बिहार में बहुत संभावनाएं हैं. समाजकर्मी रामशरण ने कहा कि बदलाव सिर्फ राजनीतिक व आर्थिक क्रांति से संभव नहीं होता है, बल्कि सांस्कृतिक क्रांति भी जरूरी है. विभाग के अध्यक्ष प्रो विजय कुमार ने कहा बिहार को अपनी पहचान व अपने संकल्प के साथ-साथ अर्थशास्त्र, शैक्षिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक स्तर पर स्थानीय कौशल व तकनीक के सहारे सुधार करना होगा, तभी बिहार आगे बढ़ेगा. प्रो मनोज कुमार ने कहा कि बिहार की बौद्धिक शक्ति का सदुपयोग, क्षेत्रवार अलग-अलग योजनाबद्ध उद्योग लगाने और शिक्षण संस्थानों के ढांचे व शिक्षण तकनीक में बदलाव करने से बिहार में काफी परिवर्तन की संभावना है. संगोष्ठी में मनोज कुमार दास, डॉ उमेश प्रसाद नीरज, डॉ देशराज वर्मा, गौतम कुमार, नरेन नवनीत, प्रिंस कुमार, सागर शर्मा, डॉ अमित रंजन सिंह, डॉ सीमा कुमारी, वासुदेव भाई, प्रिंस कुमार, निशा कुमारी, प्रियांशु कुमारी, माधुरी कुमारी, सुनीता कुमारी, रियाज फातिमा, वर्षा रानी, पुष्पा कुमारी आदि शामिल हुए.
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