शहरी क्षेत्र के तीनों के नालों के लगभग 8 किलोमीटर साफ सफाई करनी होगी. इसकी चौड़ाई करीब 25 से 40 फीट तक है. जबकि गहराई 6 फीट है. सभी कैनाल याद से पटा हुआ है. बीते वर्ष किए का किए गए कार्य के आधार पर करीब दो महीने तक लगातार इसकी सफाई करनी होगी. अगर केनाल की सफाई में कोताही बरती गई तो निश्चित रूप से इस बरसात में फिर शहर डूबेगा.
चुनौती भरा होगा किंग्स कैनाल की सफाई
शहर में जल निकासी के लिए सबसे लंबी किंग्स केनाल की सफाई किसी चुनौती से कम नहीं है. सही तरीके से सफाई नहीं होने के कारण केनाल गाद से पटा हुआ है. इस केनाल से शहर की 50 फीसदी पानी की निकासी होती है. यह जाम रहने से बरसात के दिनों में जल निकासी सही ढंग से नहीं होती है. जिसके कारण जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. किंग्स केनाल संतु नगर से लाखों बिंदा कॉलोनी होते हुए गदियानी से आरके कॉलेज के समीप गैस गोदाम होते हुए सूड़ी स्कूल से गांधी चौक से गुजरकर महाराजगंज होते हुए स्टेडियम के समीप वाटसन कैनाल में मिल जाती है.सिटी मैनेजर राजमणि कुमार ने कहा है कि शहर में जलजमाव की समस्या से निजात के लिए बरसात पूर्व कैनालों की सफाई करायी जा रही है. इसके लिए कार्य योजना बनाई गई है.
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