निबंधन कार्यालय में दस्तावेजों की हेराफेरी का मामला जिला निबंधन कार्यालय में भू-माफियाओं के साथ सांठ-गांठ और अभिलेखों में दस्तावेजों के हेराफेरी के मामले ने पटना में बैठे अधिकारियों का भी ध्यान आकर्षित किया है. इसको लेकर मंगलवार को ही पटना से भागलपुर पहुंची राज्यस्तरीय टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मामले में अब तक की गयी जांच में अभिलेखों में की गयी हेराफेरी आदि के कई साक्ष्य टीम के हाथ लगे हैं. उक्त मामले में टीम अब तक निबंधन कार्यालय के करीब एक दर्जन पदाधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर चुकी है. पटना से भागलपुर पहुंची टीम ने बुधवार को डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से भी उनके कार्यालय में मुलाकात की. दो सदस्यीय टीम में सहायक महानिरीक्षक (एआईजी) निबंधन कोसी प्रक्षेत्र के प्रमुख संजय कुमार और जैनुद्दीन अंसारी शामिल थे. उन्होंने जिला अवर निबंधक डॉ पीके बसाक के साथ जिला निबंधन कार्यालय भागलपुर में की जा रही जांच के सिलसिले में बुधवार को दोबारा मुलाकात की. डीएम के साथ हुई बैठक में डीएम ने स्टेट जांच टीम को पूरी बारीकी से जांच करने व दोषी कर्मचारियों को निलंबित करते हुए अन्य जिलों में मुख्यालय निर्धारित करने एवं वहां प्रतिदिन हाजिरी लगवाने का सुझाव दिया, ताकि संबंधित कर्मी द्वारा जांच कार्य में किसी तरह का हस्तक्षेप न किया जा सके. पुलिस भी अपने स्तर से कई बिंदुओं पर कर रही जांच विगत दिनों निबंधन कार्यालय में अभिलेख के दस्तावेजों के हेरफेर के मामले में जोगसर थाना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस लागातर उसकी जांच कर रही है. उक्त मामले में पुलिस कई अनसुलझे गुत्थियों को भी सुलझाने में जुटी हुई है. मामले में अंचल कार्यालय से मांगी गयी रिपोर्ट के आने के बाद उक्त मामले से कई और बातें भी सामने आ सकती है. मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को कांड के अनुसंधानकर्ता ने अभी तक प्राप्त किये गये दस्तावेजों और रिपोर्ट का अवलोकन किया. उक्त मामले में जिला प्रशासन द्वारा करायी गयी जांच की रिपोर्ट भी प्राप्त कर जांच कराने की बात कही गयी. कोट : जांच टीम आयी थी. अब तक की गयी कार्रवाई की जांच की गयी. टीम द्वारा की गयी जांच गोपनीयता का विषय है. डॉ पंकज कुमार बसाक, जिला अवर निबंधक, भागलपुर.
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