गावां. गावां प्रखंड मुख्यालय से लगभग छह किमी की दूरी पर स्थित भंडेश्वर पहाड़ पहुंच पथ के अभाव में उपेक्षा का दंश झेल रहा है. घनी वादियों के बीच स्थित उक्त पथ का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. ऐसा कहा जाता है कि यहां सच्चे मन से आराधना करने पर लोगों की मनोकमना अवश्य पूरी होती है. पर्वत की ऊंची शृंखला पर बाबा भंडेश्वर का प्रतीक चिह्न है. बताया जाता है कि अंग्रेजी शासनकाल में तत्कालीन टिकैत पुहकरण नारायण सिंह ने पहाड़ी पर प्रतीक चिह्न स्थापित किया गया था. उस समय धूमधाम से वहां वर्ष में एक बार विशेष पूजा होती थी. उक्त स्थल पर पूरे वर्ष क्षेत्र के लोग मन्नत पूरी होने पर पूजा करने पहुंचते हैं. यहां बली पूजन की परंपरा है. पर्वत शिखर पर पूजन अर्चन के उपरांत पर्वत के नीचे बली दी जाती है. पूजा के दौरान इस पास के लोग प्रसाद ग्रहण करने वहां पहुंचते हैं.
पहुंच पथ के अभाव में होती है परेशानीप्रखंड कार्यालय के बगल से गयी है सड़क : उक्त स्थल पर जाने के लिए प्रखंड कार्यालय के बगल से सड़क गयी है. लगभग साढ़े चार किमी तक एक दशक पूर्व सड़क बनी था. यह सड़क इस समय काफी जर्जर हो चुकी है. वहां तक लोग चारपहिया वाहन से पहुंच जाते हैं, लेकिन पर्वत के पास डेढ़ किमी की दूरी लोगों को पैदल ही तय करना पड़ता है, जिससे काफी परेशानी होती है.सैर सपाटे के लिए भी जाते हैं लोग : उक्त स्थल घनी वादियों व पर्वत शृंखलाओं से घिरा है. बड़े समतल व परतदार चट्टान उस स्थान की शोभा में चार चांद लगाते हैं. यहां पूरे वर्ष स्वच्छ व शीतल जल प्रवाहित होता रहता है. पर्वत के नीचे से निकलने वाला यह जल स्वादिष्ट होने के साथ सुपाच्य भी है. इसके कारण यहां लोग सैर सपाटे व पिकनिक हेतु भी पहुंचते हैं.
क्या कहते हैं लोग :
लंबे अर्से से पर्वत के पास लोग पूजा व पिकनिक आदि के लिए पहुंचते हैं. वर्षों पूर्व कुछ दूरी तक सड़क का निर्माण हुआ था, लेकिन पर्वत तक पहुंच पथ के नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वरीय जनप्रतिनिधियों व पदाधिकारियों को सड़क बनाने की दिशा में पहल करनी चाहिए. –कन्हाय राम, मुखिया, गावां
यहां पूरे वर्ष लोग पूजा करने पहुंचते हैं. लोग भ्रमण व घनी वादियों व पर्वत शृंखला के दर्शन के लिए भी वहां जाते हैं, लेकिन पहुंच पथ के अभाव में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. पर्वत तक पहुंच पथ के निर्माण के लिए सरकार को पहल करना चाहिए. इससे रोजगार का साधन भी बढ़ेगा. :
नरेश राणा, समाजसेवी, गावां
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