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MS Dhoni ने T20 World Cup 2007 में कैसे बनाया था जीत का प्लान, पूर्व भारतीय स्टार का खुलासा

T20 World Cup: हरभजन सिंह ने कहा कि बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि एमएस धोनी उस समय एक नये कप्तान थे और उन्हें हम सभी के समर्थन की जरूरत थी. सभी के समर्थन के दम पर ही भारत ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीता था. भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था.

T20 World Cup: इसी साल जून महीने में आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है. भारत इस ट्रॉफी का प्रबल दावेदार है. बीसीसीआई ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की अगुवाई में टीम की घोषणा कर दी है. भारत का पहला मुकाबला 5 जून को आयरलैंड से होगा. वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के पूर्व स्टार हरभजन सिंह ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) के नेतृत्व कौशल के बारे में विस्तार से बात की. धोनी की अगुवाई में ही भारत ने 2007 में टी20 वर्ल्ड कप खिताब पर कब्जा किया था. फाइनल में दो कट्टर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. अंतिम ओवर में धोनी की अगुवाई वाली टीम ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पांच रन से मैच जीत लिया. अनुभवी स्पिनर ने निर्णय लेने की क्षमता के लिए धोनी की जमकर तारीफ की.

धोनी को मिलता था पूरी टीम का साथ

हरभजन सिंह ने कहा कि बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि एमएस धोनी उस समय एक नये कप्तान थे और उन्हें हम सभी के समर्थन की जरूरत थी. ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ मैच से पहले हमारा कोर ग्रुप खेल के दौरान एक साथ इकट्ठा होकर आगे की रणनीति तैयार करता था. हरभजन ने स्टार स्पोर्ट्स प्रेस रूम में कहा कि उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच में मैंने महत्वपूर्ण 17वां या 18वां ओवर फेंका. हम केवल 4 रन देने में कामयाब रहे, तो इससे हमें काफी बचत हुई.

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सबकी बातें सुनते थे धोनी

हरभजन ने आगे बताया कि धोनी अच्छी तरह सभी की बातें सुनते थे और उसके बाद कोई निर्णय लेते थे. कहा जाए तो वह सामूहिक निर्णय होता था, जिससे टीम को फायदा मिलता था. उस समय के बल्लेबाज आज की तरह एक ओवर में 25 रन नहीं बनाते थे. निर्णय हमेशा एक टीम के रूप में लिया जाता था. जब आप एकजुट टीम के रूप में एक साथ खेलते हैं, तो आप अधिक प्रतियोगिताएं जीतते हैं. धोनी एक महान श्रोता थे. अधिकतर सामूहिक निर्णय लेते थे.

टीम के रूप में खेलने से मिलती है जीत

हरभजन ने आगे कहा कि अब सवाल यह है कि क्या रोहित शर्मा ऐसा कर सकते हैं. रोहित अकेले नहीं हैं. यह हम के बारे में है, एक टीम के बारे में है. अगर हम एक संयुक्त टीम के रूप में खेलते हैं. हम व्यक्तिगत उपलब्धियों के बजाय सामूहिक सफलता के बारे में सोचते हैं, तो हम जीत सकते हैं. लेकिन अगर हम केवल व्यक्तिगत लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे तो चीजें कठिन हो जाती हैं, यह सब ‘हम’ मानसिकता के बारे में है. यही आपको सफलता दिलाती है.

आखिरी ओवर में टी20 वर्ल्ड कप जीता था भारत

2007 टी20 वर्ल्ड कप फाइनल की बात करें तो 157 रनों का बचाव करते हुए भारत मैच में मुश्किल स्थिति में था. हरभजन ने अपने 17 वें ओवर में मिशबाह-उल-हक से तीन छक्के खा चुके थे और 19 रन लुटा दिए थे. आखिरी तीन ओवरों में 35 रनों की जरूरत थी, धोनी ने अगला ओवर तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को दिया जिसमें उन्होंने 15 रन दिए और सोहेल तनवीर का एक विकेट लिया. पाकिस्तान के लिए समीकरण 12 गेंदों में 20 रन का था और उसके हाथ में दो विकेट थे. हरभजन को फिर से महत्वपूर्ण 19वां ओवर दिया गया. हरभजन ने केवल सात रन देकर और उमर गुल का एक विकेट चटकाया. फिर जोगिंदर ने अपने ओवर की तीसरी गेंद पर पाकिस्तान के कप्तान का विकेट लेकर भारत को जीत दिला दी.

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