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गर्मी में बढ़ रहा धान की खेती का चलन

किस्को प्रखण्ड क्षेत्र में जहां एक ओर किसान पानी के लिए तरस रहे हैं.

फोटो लहलहाती धान का फसल किस्को. किस्को प्रखण्ड क्षेत्र में जहां एक ओर किसान पानी के लिए तरस रहे हैं. नदी तालाब सब सूख चुके हैं. ऐसे में बेठहठ पंचायत के किसानों के लिए सुकरी नदी वरदान साबित हो रही है. बेठहठ पंचायत के किसान के गर्मी के दिनों में धान की खेती लहलहा रही है.पंचायत के हेसपीढ़ी, लावागाई,व पटगेच्छा के किसानों ने सुकरी नदी एवं बोरिंग के सहारे धान की फसल लगायी गयी है, जो लहलहा रही है. वहीं अधिकांश खेतों में धान की बाली भी आना शुरू हो गयी है. गर्मी के मौसम में धान की खेती करने का चलन लगातार बढ़ता जा रहा है. ये खेती मार्च माह में किसानों द्वारा की जाती है. जिसकी कटाई जून माह में की जाती है. पिछले कई वर्षों से बारिश भी कम हुई है. जिससे लोगों का झुकाव बरसात के अलावा गर्मी में धान की खेती की ओर बढ़ रही है. किस्को प्रखंड के बेठहठ पंचायत के किसानों के द्वारा गर्मा धान लगाया गया है.जकू उराव के द्वारा एक एकड़, प्रवीण उराव द्वारा दो एकड़, बिनोद सिंह के द्वारा एक एकड़,रमेश प्रजापति के द्वारा दो एकड़ मे धान की खेती लगायी गयी है. किसानों का कहना है कि गर्मी के दिनों में बारिश के मौसम से अच्छी फसल पैदा होती है.इस समय कीड़ा नहीं लगता और फसल को बारिश से नुकसान का खतरा भी नहीं रहता.इस मौसम में सिंचाई तो खूब करना पड़ता है, लेकिन फसल भी खूब पैदा होती है.इस मौसम में फसल में कीड़ा नहीं लगता है.किसानों का कहना है कि अगर सिंचाई व्यवस्था कर दी जाए तो प्रखंड क्षेत्र के किसानों का खेत सालों भर लहलहाते रहेंगे.

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