पुरैनी. प्रखंड क्षेत्र में दर्जनों नर्सिंग होम व जांच घर का संचालन हो रहा है. बिचौलियों के चक्कर में पड़कर मरीज अवैध नर्सिंग होम व जांच घरों के चक्कर में पड़ जाते हैं. जिन्हें न तो किसी भी प्रकार का लाइसेंस और न ही कोई अच्छा अनुभव है. ऐसे में समुचित इलाज नहीं हो पता है. वहीं दूसरी ओर ऐसे फर्जी क्लिनिक वाले और जांच घरवाले मरीजों से अवैध उगाही करने के लिए छोटी सी बीमारी को भी भयावह बताकर गरीबों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं. ऐसे अवैध संस्थानों के द्वारा पिछले कई वर्षों में लापरवाही के कारण लोगों की जाने गयी है. इसके बाद उक्त संस्थानों को अपनी साख बचाने व कार्रवाई से बचने के लिए चुपचाप मैनेज मैनेज का खेल करना पड़ता है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नतीजा- स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस तरह के अवैध हॉस्पिटल, क्लिनिक, नर्सिंग होम, जांच घर के खिलाफ दो से तीन महीने में पत्र जारी कर कार्रवाई की बात करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर ऐसा कोई भी असर देखने को नहीं मिलता है. इस वजह से प्रखंड क्षेत्र में यह धंधा फल फूल रहा है. बार-बार विभाग के द्वारा नोटिस निकाला जाता है और उन तमाम हॉस्पिटल, क्लिनिक, जांच घर, पैथोलॉजी सेंटर पर नोटिस पहुंचाया भी जाता है, लेकिन उसके बाद इन अवैध संस्थानों को भेजे गये नोटिस कचरे के ढेर में चले जाते हैं . फर्जी नर्सिंग होम संचालन मामले में दर्जनों जगहों पर एक कॉमन चीज देखी जाती है कि ऐसे तमाम फर्जी संस्था के बाेर्ड पर कुछ नामी गिरामी डॉक्टर का नाम अंकित कर वहां इलाज के नाम पर बिना डिग्रीधारी फर्जी डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन किया जाता है.
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