रंका प्रखंड की कटरा पंचायत के बरवाही ग्राम के चरक पथरी टोला के लोग वर्षों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. यहां न कोई चापाकल लगाया गया है और न ही किसी सोलर जलमीनार या कुएं का निर्माण कराया गया है. टोले के 20-25 घरों के बीच वर्षों पुराना एक कुआं है, जिसके पानी का लोग पीने से लेकर नहाने तक में इस्तेमाल करते आ रहे हैं. अब इस कुएं की स्थिति जर्जर हो गयी है. किसी के पानी भरते समय किसी हादसा की आशंका बनी रहती है. हो जाय. टोले की महिला शकुंतला तिर्की, फुलकुमरिया देवी, लालती देवी, रानी देवी, लक्ष्मणिया देवी, जासो देवी, संतोषी देवी, मुनिया देवी, राजो देवी, सरोज देवी, रिंकी देवी, रीता देवी व तनुजा तिग्गा ने बताया कि इसकी मरम्मत करने के लिए उनलोगों ने कई बार ग्राम सभा में आवाज उठायी. पंचायत की मुखिया और बीडीसी से भी गुहार लगायी. पर आज तक इस कुएं की मरम्मत नहीं करायी गयी. ग्रामीणों के अनुसार पूर्वजों ने यह कुआं बनवाया था. जिसका पानी वे लोग आज भी पी रहे हैं. इस टोले के आंगनवाड़ी सेंटर में ही एक चापाकल लगा है, जो उनकी बस्ती से काफी दूर है. यह टोला आदिवासी बहुल है यहां लगभग 20-25 घर उरांव जाति के लोग रहते हैं. महिलाओं ने बताया कि पहले यह कुआं गर्मी के दिनों में कभी नहीं सूखता था. किंतु पिछले दो-तीन सालों से इसमें पानी काफी कम हो जा रहा है. अभी कुआं सूखने के कगार पर है. ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को पानी निकालने के लिए कुएं में उतरकर गड्ढा खोदना पड़ता है. तब जाकर लोग इससे पानी निकाल कर पीते हैं. महिलाओं ने कहा कि उन लोगों की परेशानी कोई सुनने वाला नहीं है. यदि उन लोगों के घरों के पास कोई चापाकल लगा दिया जाता, तो पेयजल की समस्या दूर हो सकती थी. उन्हें गर्मी के दिनों में पानी के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ता.
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