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फिजिकल वर्क बढ़ाएं, तनाव को करें बाय बाय

हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी परेशानी है जिसके लिए खराब डाइट,बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है. भाग- दौड़ भरी जिंदगी में आप फिजिकल वर्क बढ़ा और तनाव घटा ब्लड प्रेशर (बीपी) पर कंट्रोल रख सकते है. यह कहना है कि कोल्हान के सबसे बड़े अस्पताल महात्मा गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल (एमजीएम) के उपाधीक्षक नकुल चौधरी का.

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस आज

बीपी पर नियंत्रण

संयमित लाइफ स्टाइल व खान-पान कम करता है खतरा

इंट्रो ::::::

हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी परेशानी है, जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है. ऐसा भी नहीं है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या केवल उम्रदराज लोगों को ही रहती है. कम उम्र के लोग भी बीपी हाई होने की समस्या से जूझ रहे हैं. लंबे समय तक हाइपरटेंशन की शिकायत रहने पर अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगती हैं, जिनसे मौत का खतरा भी बढ़ जाता है. यही वजह है कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. डॉक्टर के अनुसार, फिजिकल वर्क बढ़ाकर और तनाव घटाकर ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल रख सकते हैं. हाइपरटेंशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 17 मई को मनाया जाता है. हाइपरटेंशन से बचाव को लेकर संयमित लाइफ स्टाइल व खान-पान के महत्व को रेखांकित करती

लाइफ@जमशेदपुर

के लिए

अशोक झा

की रिपोर्ट.

कोट……. फोटो है….

भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग फिजिकल वर्क नहीं करते हैं. साथ ही हर काम में तनाव से ब्लड प्रेशर (बीपी) के शिकार हो जाते हैं. इसके साथ जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और सोडियम की ज्यादा मात्रा में सेवन कई बार हाई बीपी की वजह बन जाती है.

– डॉ नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम हॉस्पिटल

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थीम :

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की इस साल की थीम ”” अपने रक्तचाप को सही मापें, इसे नियंत्रित करें और लंबे समय तक जीवित रहें”” है.

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क्या है उच्च रक्तचाप

जब धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है और उसे सामान्य बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ती है, तो इसे उच्च रक्तचाप (बीपी) कहते हैं. अगर 140/90 से अधिक रक्तचाप है, तो आप बीपी के मरीज हैं. 180/120 के ऊपर के रक्तचाप को खतरनाक माना जाता है. लक्षण पता चलते ही डॉक्टर से संपर्क करें. अपने से दवा नहीं लें.

हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण

डॉ नकुल चौधरी कहते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के कोई सटीक लक्षण नहीं होते हैं. हालांकि, सिरदर्द, थकान और सुस्ती होना, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, सीने में दर्द , सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना, आंखों से धुंधला दिखना और नाक से खून आना हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण हो सकते हैं. हाइपरटेंशन की लंबे समय तक शिकायत रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

मां-बाप को बीपी है, तो संतान को भी खतरा

डॉ नकुल चौधरी कहते हैं कि अगर मां, पिता, दादा, दादी बीपी के मरीज हैं, तो संतान को भी बीपी हो सकता है. इसके अलावा युवकों में नौकरी की चिंता, कार्यालय का दबाव, बच्चों को अच्छा रिजल्ट लाने का दबाव देने, शारीरिक मेहनत नहीं करने, फास्ट फूड का अधिक सेवन करने, कुछ दवाओं के सेवन करने से भी लोग बीपी से ग्रस्त हो जाते हैं.

बीपी बढ़ने होने वाली दिक्कतें

– रक्तचाप बढ़ने से रक्त वाहिका कमजोर हो सकती है और फूल सकती है, जिससे एन्यूरिज्म बन सकता है. यदि धमनी विस्फार फट जाता है, तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है. जब आपको उच्च रक्तचाप होता है, तो हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक काम करना पड़ता है.

हाई बीपी को कम करने के लिए ये खाएं

डॉ नकुल चौधरी कहते हैं कि जो लोग हाई बीपी के मरीज हैं, उन्हें अपनी डाइट में पालक, गोभी, सौंफ और लेट्यूस जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करनी चाहिए. इससे हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है. हर उम्र में आपका बीपी नॉर्मल रहे, तो आप नमक का सीमित सेवन करें. दुनिया में ज्यादातर लोग रोज 9 से 12 ग्राम नमक खाते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक है. एक आदमी को एक दिन में 5 ग्राम यानी 1 चम्मच से कम नमक खाना चाहिए. जिन लोगों का बीपी ज्यादा है, वो वजन कम करें. अगर आप अपना वजन कम कर लेंगे, तो आपका बीपी अपने आप नॉर्मल हो जायेगा.

डाइट में सलाद, सब्जी और फ्रूट्स का करें सेवन

डॉ नकुल चौधरी कहते हैं कि बीपी नॉर्मल करना चाहते हैं, तो आप डाइट में सलाद, सब्जी और फ्रूट्स का सेवन करें. फल, सब्जियों, साबुत अनाज और सलाद का सेवन करके आप आसानी से बीपी को नॉर्मल कर सकते हैं. लो कैलोरी, लो फैट, लो सोडियम वाला हेल्दी फूड खाएं.

हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा

आप तब तक बीपी को कंट्रोल नहीं कर सकते, जब तक कि आपका तनाव कम नहीं होता. तनाव बढ़ने पर हमारे ब्रेन से एड्रिनल हार्मोन रिलीज होता है, जो हमारी पूरी बॉडी की ट्यूब को सिकोड़ देता है और हमारा बीपी बढ़ने लगता है. अगर आप तनाव में रहेंगे, तो ये हॉर्मोन बढ़ेगा और आपका बीपी हाई होने लगेगा. हाइपरटेंशन की लंबे समय तक शिकायत रहने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

योग और मेडिटेशन करें

-अगर आप बीपी को नॉर्मल रखना चाहते हैं और तनाव को कम करना चाहते हैं, तो हर दिन योग और मेडिटेशन करें. रोजाना वॉक करने से भी काफी हद तक बीपी को नॉर्मल रखा जा सकता है. ब्लड प्रेशर हाई रहता है, तो वजन पर पूरी तरह से कंट्रोल रखें.

-खासतौर पर कमर के आसपास फैट ना जमा होने दें. कमर पर जमा फैट हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का रिस्क बढ़ा देता है. फिजिकल एक्टिव रहें और वॉक, जॉगिंग जरूर करें.

बीपी कंट्रोल करने के उपाय

– नमक का सेवन सीमित करें

– संतुलित मात्रा में आहार का सेवन करें

– पोटैशियम भरपूर मात्रा में लें

– शराब व धूम्रपान से बचें

– तनाव को कम करें

– ब्लड प्रेशर की जांच करते रहें

– मन को शांत रखने की कोशिश करें

– नियमित रूप से एक्सरसाइज, योगाभ्यास करें —–

ब्लड प्रेशर के अचानक हाई होने पर शरीर में दिखेंगे ये लक्षण

– सांस का तेज चलना

– सिर में चक्कर आना

– चेहरा लाल पड़ना

– आंखों के आगे अंधेरा छाना और कमजोरी

– थकान महसूस होना

– दिल की धड़कन अचानक तेज चलना

– नाक से खून, पेशाब में खून आना

उच्च रक्तचाप के कारण :

तनाव, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल वाला खाद्य पदार्थ खाने, ज्यादा तला हुआ व मिर्च- मसालेदार भोजन का सेवन, क्रोध, नमक का अधिक सेवन व शराब का सेवन उच्च रक्तचाप के कारण हैं.

उच्च रक्तचाप से बचने के घरेलू उपाय

अजवायन का सेवन हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए अच्छा माना जाता है. इसके अलावा तुलसी के पत्ते के सेवन हाई ब्लड प्रेशर के घरेलू इलाज में काफी अच्छा माना जाता है. इसमें प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फायदेमंद है.

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