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उदाकिशुनगंज प्रखंड में मात्र पांच क्विंटल गेहूं की अबतक हुई है खरीदारी, नौ पैक्स पर अब तक खाता भी नहीं खुला

उदाकिशुनगंज प्रखंड में मात्र पांच क्विंटल गेहूं की अबतक हुई है खरीदारी, नौ पैक्स पर अब तक खाता भी नहीं खुला

उदाकिशुनगंज. गेहूं खरीदारी को लेकर विभागीय स्तर से किये गये सारे प्रयास प्रखंड क्षेत्र में विफल साबित हो रहा है. गेहूं का बाजार मूल्य अधिक होने के कारण पैक्स में गेहूं की खरीदारी गति नहीं पकड़ पा रही है. लिहाजा गेहूं खरीदारी के मामले में उदाकिशुनगंज प्रखंड क्षेत्र में इस बार निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव दिख रहा है. मालूम हो कि विभागीय निर्देशानुसार गेहूं खरीदारी के लगभग दो माह पूरे होने के बाद भी अब त प्रखंड क्षेत्र के 10 पैक्सों में से महज खाड़ा पैक्स में मात्र एक किसान से पांच क्विंटल गेहूं की खरीदारी की गयी है, जबकि प्रखंड क्षेत्र में इस बार गेहूं के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है, लेकिन बाजार में गेहूं की कीमत अधिक होने के कारण किसान अपना गेहूं खेत, खलिहानों से ही स्थानीय व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं. सरकारी समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिलने की स्थिति में किसान खेत व खलिहानों में ही गेहूं बेचना फायदेमंद समझ रहे हैं. लिहाजा गेहूं खरीदारी मामले में पैक्स पर सन्नाटा छाया हुआ है. अधिकांश किसान बेच चुके हैं गेहूं- प्रखंड के सिंगारपुर निवासी निजाम उद्दीन खुर्शीद शाह, खाड़ा निवासी पुलहट पासवान, गोरियारी निवासी सुमन कुमार मंडल, सहजादपुर निवासी मिट्ठू मंडल,राजेंद्र शर्मा,राजेश यादव आदि ने बताया कि अधिकांश किसान गेहूं बेचकर अगले फसल की बुआई कर चुके हैं. इलाके में अब कुछ ही किसान हैं जिनके पास गेहूं बचा है. ऐसे में यदि समिति का लक्ष्य पूरा होता है, तो निश्चित रूप से महाजन का गेहूं खरीद कर लक्ष्य पूरा किये जाने की संभावना है. क्या है विभागीय निर्देश- विभागीय निर्देशानुसार प्रखंड क्षेत्र के 10 पैक्सों को विभागीय स्तर से लक्ष्य का निर्धारण कर गेहूं खरीद करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन सिर्फ एक खाड़ा पैक्स में ही पांच क्विंटल की खरीदारी हो सकी है, जबकि नौ पैक्स खाता भी नहीं खुल सका है . जानकारी के अनुसार गेहूं की खरीदारी बीते 15 मार्च से शुरू हुई है, जो 15 जून तक चलेगी. विभागीय स्तर से पैक्स में गेहूं खरीदारी करने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, लेकिन खुले बाजार में 2500 से 2650 रुपया प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीदारी की जा रही है. पैक्स प्रबंधन पर बनाया जा रहा है दबाव- गेहूं खरीदारी में गति लाने के लिए विभागीय स्तर से प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सहित पैक्स प्रबंधन पर दबाव बनाया जा रहा है. इसके बावजूद किसान पैक्सों में सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं. किसान आर्थिक नुकसान का सौदा कर पैक्स में गेहूं बेचने के लिए तैयार नहीं है. न्यूनतम समर्थन मूल्य से बाजार मूल्य अधिक होने से किसान व्यापारियों के हाथों अपना गेहूं बेचना बेहतर समझ रहे हैं, जबकि विभागीय स्तर से गेहूं खरीदारी के 48 घंटे के अंदर पैक्स के माध्यम से किसानों को उनके बैंक खाता में पूरी राशि भेज देने का प्रावधान किया गया है. विभागीय स्तर से सभी पैक्सों में गेहूं खरीदारी के लिए कैश क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध करा दी गयी है. कहते हैं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी- इस बाबत उदाकिशुनगंज प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में इस बार गेहूं की बेहतर उपज हुई है. सरकारी समर्थन मूल्य से बाजार मूल्य अधिक रहने की वजह से किसान पैक्स में गेहूं बेचने से परहेज कर रहे हैं, जबकि गेहूं खरीदारी में गति लाने के उद्देश्य से प्रत्येक सप्ताह प्रखंड क्षेत्र के सभी पैक्सों का निरीक्षण किया जा रहा है.

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