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शहर में वाशिंग पिट से प्रत्येक दिन 20 हजार लीटर पानी की बर्बादी

शहर में पानी की उपलब्धता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. शहर में पहले साधारण चापाकल पानी देना बंद किया. अब आईएम 2 चापाकल भी दिन में पानी देना बंद कर दिया है.

मधुबनी . शहर में पानी की उपलब्धता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है. शहर में पहले साधारण चापाकल पानी देना बंद किया. अब आईएम 2 चापाकल भी दिन में पानी देना बंद कर दिया है. नलजल योजना का पानी सभी वार्ड में नहीं रहने के कारण लोगों को डिब्बे के पानी पर निर्भर होना पड़ रहा है. पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो अभी भी भूजल 20 से 22 फुट तक नीचे गया है. लेकिन शहर में भूजल 36 फुट से भी नीचे चला गया है. शहर में भूजल में गिरावट के कई कारण हैं. लेकिन नियमित रूप से शहर में 200 से ज्यादा वाशिंग पिट होने के कारण भूजल में तेजी से गिरावट हो रही है.

वाशिंग पिट के कारण बढ़ी परेशानी

पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में जिस तरह से खाली जमीन को भरकर लोग पक्का मकान बना रहे हैं. तालाब भरा जा रहा है. जल संरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं हो रही है. इसके कारण शहर में पानी की समस्या बढ़ रही है. शहर में चल रहे वाशिंग पिट से प्रत्येक दिन 20 से 25 हजार लीटर पानी की बर्बादी होने के कारण भी भूजल नीचे जा रहा है. श्रीवास्तव ने कहा कि शहर में जहां भूजल 36.2 फुट तक चला गया है वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में मधवापुर प्रखंड में सबसे नीचे 22 फुट तक भूजल स्तर दर्ज किया गया है. जबकि कलुआही में सबसे बेहतर 14 फुट भूजल स्तर दर्ज किया गया.

क्या कहते हैं अधिकारी

पीएचईडी विभाग के सहायक अभियंता गौरव कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जब तक सभी लोग जल संरक्षण को लेकर प्रयास नहीं करेंगे शहरी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता और कम होती जायेगी. अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की स्थिति बहुत बेहतर है.

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