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सोनपुर बाजारी ओसीपी का कामकाज ठप कर आंदोलन

इसीएल के सोनपुर बाजारी ने सीवी एक्ट के तहत जमीन ली तो पांडवेश्वर ब्लॉक के नवग्राम के गांव वालों में आक्रोश फैल गया. गुरुवार को निवासियों ने भूमि का स्वामित्व हासिल करने के लिए ओसीपी में खनन काम रोककर विरोध प्रदर्शन किया. पांडवेश्वर ब्लॉक के नवग्राम गांव में करीब 2.55 हजार परिवार रहते हैं. यहां एक गैर सरकारी प्राथमिक विद्यालय, बाल शिक्षा केंद्र, डाकघर और अन्य बुनियादी ढांचे और सेवाएं हैं.

पांडवेश्वर.

इसीएल के सोनपुर बाजारी ने सीवी एक्ट के तहत जमीन ली तो पांडवेश्वर ब्लॉक के नवग्राम के गांव वालों में आक्रोश फैल गया. गुरुवार को निवासियों ने भूमि का स्वामित्व हासिल करने के लिए ओसीपी में खनन काम रोककर विरोध प्रदर्शन किया. पांडवेश्वर ब्लॉक के नवग्राम गांव में करीब 2.55 हजार परिवार रहते हैं. यहां एक गैर सरकारी प्राथमिक विद्यालय, बाल शिक्षा केंद्र, डाकघर और अन्य बुनियादी ढांचे और सेवाएं हैं. गांव से कुछ दूरी पर पांडवेश्वर जाने वाली सड़क के किनारे इसीएल के सोनपुर बाजारी इलाके की खुली खदान है. भविष्य में खदान के विस्तार के लिए और जमीन की जरूरत होगी. इसीलिए नवग्राम मौजा की जमीन पर सीवी एक्ट (कोल वैरिंग एक्ट) लागू किया गया है. इस कानून के नियमों के मुताबिक, जमीन के असली मालिक उस इलाके की जमीन खरीद और बेच नहीं सकते हैं. हाल ही में यह जानकारी सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश पैदा हो गया है. गुरुवार को निवासियों के एक वर्ग ने गांव से सटे सोनपुर बाजारी इलाके में ओसीपी के खनन कार्य को रोककर विरोध प्रदर्शन किया. सुबह 10 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन कई घंटों तक चलता रहा. विरोध के कारण ओसीपी में खनन का काम, उत्पादन और परिवहन रुक गया. प्रदर्शनकारियों की ओर से शेख लोकमान, शेख मकबूल, सनातन साव, बाबू मुखर्जी, उप प्रधान सतन सो मंडल, एचएमएस नेता प्रफुल्ल चटर्जी ने कहा कि उनके पूर्वज भी इस क्षेत्र में रहते थे. जमीन के असली मालिक हम हैं. हालांकि, हमें अंधेरे में छोड़कर, इसीएल ने पूरे नवग्राम मौजा की जमीन पर सीवी एक्ट लागू कर दिया है. भले ही हमारे पास ज़मीन के स्वामित्व को साबित करने वाले सभी आधिकारिक दस्तावेज हैं, लेकिन आधिकारिक दस्तावेज प्राप्त होने के बाद हम मालिक नहीं रह गये हैं. इस कानून के परिणामस्वरूप, कोई भी व्यक्ति आवश्यक होने पर भी जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि आज का प्रदर्शन जमीन का मालिकाना हक वापस दिलाने की मांग को लेकर है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसीएल नियमानुसार जमीन के बदले नौकरी, मुआवजा, पुनर्वास देकर हमारी जमीन का अधिग्रहण करे या फिर जमीन का स्वामित्व हमें लौटा दे. ग्रामीणों के आंदोलन के संबंध में प्रतिक्रिया के लिए सोनपुर बाजारी क्षेत्र के महाप्रबंधक आनंद मोहन को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन का जवाब नहीं दिया.आंदोलन के आठ घंटे बाद सोनपुर बाजारी क्षेत्र के महाप्रबंधक आनंद मोहन ने गांव वालों के साथ सोमवार को बैठक कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया. इसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ.

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