सारवां . राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर सीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा बीके सिन्हा की देखरेख में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रखंड क्षेत्र के स्कूलों व ग्रामीण क्षेत्रें में जागरुकता अभियान चलाया गया. अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, घोरपरास उत्क्रमित मध्य विद्यालय के अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य उपकेंद्रों में मलेरिया निरीक्षक मनोज कुमार पांडे के साथ एमपीडब्ल्यू ने बच्चों व ग्रामीणों को डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया बीमारी की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू एडिज मच्छरों के दिन में काटने से होता है. इस अवसर पर डेंगू के लक्षण की जानकारी देते चिकित्सक ने बताया कि तेज पल्स हो जाय और सिर चकराने लगे, कमजोरी आना शुरू हो जाय, बुखार हो, नींद कम आये, उल्टी आये, आंख लाल हो जाय व दर्द करे तो समझ डेंगू हो गया है. इसके बचाव के संबंध में जानकारी देते बताया इसके लिए नियमित मच्छरदानी का प्रयोग करें. कूलर, पानी की टंकी को नियमित साफ करें व घर के समीप बेकार पडे टायर,टूटे हुए बर्तन, नारियल के खोल में पानी जमा नहीं होने दें, चापाकल या अन्य जगहों में जमा पानी में मिट्टी तेल डाले या जला हुआ इंजन आयल डालें, साथ ही पूरी बाजू की शर्ट पहनें. मौके पर बच्चों को अपने गांव के लोगों को भी इसकी जानकारी देने को कहा ताकि डेंगू से लोगों का बचाव हो सके. प्रभारी ने कहा सुरक्षित कल के लिए डेंगू की रोकथाम सभी की जिम्मेवारी है. कार्यक्रम को सफल बनाने में एमपीडब्ल्यू सर्वेश्वर सिंह, जयकांत तांती, वीरेंद्र विक्रम संबंधित गांवों की सहिया साथी व सहिया ने अहम भूमिका निभायी.
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