सरायकेला. गम्हरिया प्रखंड के चमारू गांव में चड़क पूजा के साथ छऊ नृत्य कार्यक्रम किया गया. भोक्ता देर रात संजय नदी किनारे पहुंचे. वहां स्नान कर शिव शक्ति की आराधना को समर्पित यात्रा घट आयोजित की गयी. यात्रा घट लाया गया. भोक्ताओं ने गरियाभार का पूजन कर क्षेत्र व गांव की खुशहाली की कामना की. आयोजन समिति के प्रभात रंजन महतो ने कहा कि छऊ नृत्य में चारों युगों का समावेश देखने को मिलता है. शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट अर्थात प्रारंभ घट, धार्मिक अनुष्ठान सत्य युग का वृतांत है. वृंन्दाबनी घट त्रेता युग व गरियाभार घट द्वापर युग का वृतांत है. कलिका घट को कामना घट भी कहा जाता है. चड़क पूजा पर रजनीफोड़ा व गाजाडांग का आयोजन किया गया. भोक्ताओं ने पीठ पर हुक लगाकर बांस-बल्ली के सहारे 40 फीट ऊपर में झूला झुलने सहित अन्य धार्मिक परंपरा का निर्वहन किया.
दलों ने आकर्षक नृत्य पेश किया
चमारु गांव में आयोजित छऊ नृत्य में जय मां मनसा आदिवासी टोला टेंटोपोसी, छऊ नृत्य पार्टी काशीपुर उस्ताद, शिव शंकर छऊ चमारु, उस्ताद ने नृत्य प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में नाविक, मेघदूत, महिषासुर वध, हर-पार्वती, राधा-कृष्ण, पताका, रात्रि, माटिर मानुष, हरे विष्णु, कुसुम कली, वानविद्धा, सागर, नाभिक, मेघदूत, धीवर, उरभंग सहित अन्य नृत्य प्रस्तुत किया.
छऊ व मेला के सफल संचालन के लिए कमेटी के अध्यक्ष प्रभात रंजन महतो, विश्वनाथ महतो, गिरिधारी महतो, ऋषिकेश महतो, रतिलाल महतो, उदय महतो, सूरज महतो, विकास महतो, आशीष महतो, मानसिक मुर्मू , लाल मुर्मू , नरेश महतो, नवीन महतो, कांग्रेस महतो, बलभद्र महतो, कृष्णा महतो सहित अन्य की भूमिका सराहनीय रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है