सुपौल. नगर पंचायत निर्मली में कार्यरत सफाई कर्मियों को काम पर से हटाये जाने के बाद पीड़ित सफाई कर्मियों ने शुक्रवार को समाहरणालय पहुंच कर डीएम को एक आवेदन सौंपा. डीएम को सौंपे गये ज्ञापन में सफाई कर्मियों ने कहा कि 62 सफाई कर्मी करीब 12 वर्षों से नगर पंचायत निर्मली में सफाई कर्मी के रूप में काम करते आ रहे हें. लेकिन सरकार द्वारा सफाई कर्मियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं, न्यूनतम वेतन ईएसआई, पीएफ बोनस और सुरक्षा उपकरण व ड्रेस नहीं दिया जा रहा है. जब वे लोग इसकी मांग की और समस्या को नगर पंचायत निर्मली के कार्यपालक पदाधिकारी के पास रखा तो उन्होंने सभी लोगों को काम पर आने से मना कर दिया. जो कहीं से भी उचित नहीं है. बताया कि बाहर के लोगों को लाकर काम कराया जा रहा है, जो पूर्णत: अनुचित और गैर कानूनी है. बताया कि वे लोग करीब, नि:सहाय व्यक्ति हैं तथा 2020 में कोविड महामारी के समय सभी व्यक्ति अपने घर में रहते थे, फिर भी वे लोग नगर पंचायत के अंतर्गत सभी काम करते थे. लेकिन मुख्य पार्षद दुलारी देवी व कार्यपालक पदाधिकारी उनलोगों को काम से हटा रहा है. बताया कि जब काम करने के लिए नगर पंचायत गये तो मुख्य पार्षद के इशारे पर उनलोगों द्वारा मारपीट किया जाने लगा. सफाई कर्मियों ने कहा कि वे सभी लोग बंजारा समुदाय के व्यक्ति हैं और अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत आते हैं. आवेदन देने वालों में राजा बंजारा, गोविंद कुमार, रोहित कुमार, राजू बंजारा, राजीव कुमार, रामजान बंजारा, विनोद बंजारा, दारा कुमार, शिवा कुमार, बनवारी कुजर, राज कुमार, किसन बंजारा, विनोद, छवीला, नुनु बंजारा, पप्पू कुमार, राज कुमार, शंकर बंजारा, विजय कमार, चौधरी बंजारा, दीपक आदि शामिल हैं.
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