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15 सालों से एएनएम के भरोसे जमुआ के कई स्वास्थ्य केंद्र

25000 की आधी आबादी को एक महिला चिकित्सक का इंतजार

जमुआ.

प्रखंड की नवडीहा पंचायत में स्थापित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बगैर महिला चिकित्सक के संचालित है. वर्ष 2010 में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना से अब तक यहां की करीब 25000 की आधी आबादी को एक महिला चिकित्सक का इंतजार है. महिला चिकित्सक के अभाव में यहां की एएनएम को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने जैसे कार्यक्रमों में पसीना बहाना पड़ रहा है.

17 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एक-एक एएनएम :

जानकारी के अनुसार पीएचसी नवडीहा, मिर्जागंज, शिबूडीह में महिला चिकित्सक नहीं है. इसके अलावे जमुआ में 17 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं. प्रत्येक में एक-एक एएनएम पदस्थापित हैं. जिस उम्मीद से नवडीहा प्रा स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया, उसका लाभ स्थानीय लोगों नहीं मिल रहा है. यहां पदस्थापित एएनएम सरोज कुमारी ने बताया कि उद्घाटन के बाद से आज तक महिला चिकित्सक की बहाली नहीं हुई है. गर्भवती महिला के प्रसव कराने की नौबत आने पर काफी फजीहत का सामना करना पड़ता है. यहां दो चिकित्सक, छह एएनएम, दो ड्रेसर, दो सफाई कर्मी का पद स्वीकृत है, पर इसके एवज में मात्र एक एएनएम के भरोसे यह संचालित है.

किसी पीएचसी में महिला चिकित्सक नहीं :

सीएचसी जमुआ प्रभारी डॉ कुलदीप तिर्की ने कहा कि वह खुद सीएचसी बिरनी में पदस्थापित हैं तथा जमुआ के अतिरिक्त प्रभार में हें. कहा कि जमुआ के किसी भी पीएचसी में चिकित्सक नहीं हैं. महिला चिकित्सक 2009 से नहीं है. यहां प्रतिदिन दर्जनाधिक गर्भवती महिलाओं का प्रसव होता है. पर्याप्त संख्या में चिकित्सक व कर्मी के नहीं होने से परेशानी होती है. मामले को लेकर विभाग से पत्राचार किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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