समस्तीपुर : जिले के सरकारी विद्यालयों में आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर खास जोर दिया जायेगा. साथ ही शैक्षिक प्रबंधन सूचना प्रणाली (इएमआइएस) के माध्यम से अनुपस्थिति पर नजर रखने में मदद मिलेगी. ड्रॉपआउट पर भी अंकुश लगेगा. शिक्षा विभाग ने अलग-अलग टीम बना जिला के शिक्षा अधिकारियों को तमिलनाडु भेज अध्ययन कर लागू करने व अनुभव प्राप्त करने के उद्देश्य से भेज रही है. दूसरी टीम में शामिल डीइओ व डीपीओ एसएसए 19 मई को चेन्नई के लिए रवाना होंगे. डीइओ कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पूरे राज्य से शिक्षा अधिकारियों की छह टीम बनायी गयी है जो तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश जाकर सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों की शिक्षा पद्धति और शिक्षकों के पठन-पाठन के तरीके का अवलोकन करेंगे. राज्यस्तरीय पदाधिकारी से अपने अनुभव साझा कर जिले के विद्यालयों में शैक्षणिक वातावरण बनाने में योगदान देंगे. पूर्व के टीम में सम्मिलित डीपीओ माध्यमिक नरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि तमिलनाडु की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की संरचना राष्ट्रीय स्तर के पैटर्न के अनुसार है. स्कूल न जाने वाले बच्चों, सड़क पर रहने वाले बच्चों, प्रवासी श्रमिक बच्चों आदि को कवर करने के लिए कई उपाय करती है. राज्य भर में छात्रों के लिए पर्याप्त शिक्षा सुविधाएं और बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करता है. बालिकाओं के लिए भी विभिन्न प्रावधान किये गये हैं. इस प्रकार, तमिलनाडु छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करने में देश के अग्रणी राज्यों में से एक बन गया है और वास्तव में भविष्य में एक समृद्ध कैरियर के लिए शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए एक आदर्श स्थान है. साथ ही भविष्य के लिए छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए प्रभावी शिक्षा प्रदान करता है.
इएमआइएस छात्रों के सूचना प्रबंधन में करेगा मदद
सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के लिए कई तरह के बदलाव किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में छात्रों का उपस्थिति सुनिश्चित करने, शिक्षकों का भी शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने व समय पर पाठ्यक्रम समाप्त कराने के लिए कई प्रयोग किये गये हैं लेकिन विभाग को सफलता नहीं मिल सकी है. “डेटा ” प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान की जीवन रेखा है. प्रबंधन सूचना प्रणाली या इएमआइएस एक केंद्रीय डेटा भंडार है जो न केवल छात्र डेटा को इकट्ठा करने, व्यवस्थित करने और संग्रहीत करने में सक्षम है बल्कि इसे संसाधित और विश्लेषण करने और इससे विभिन्न रिपोर्ट तैयार करने में भी सक्षम है. उत्क्रमित मध्य विद्यालय लगुनियां सूर्यकण्ठ के एचएम सौरभ कुमार बताते है की छात्र एक शैक्षणिक संस्थान के केंद्र में होते हैं. इएमआइएस के माध्यम से छात्र के व्यवहार को काफी हद तक ट्रैक किया जा सकता है. इएमआइएस महत्वपूर्ण छात्र डेटा जैसे व्यक्तिगत डेटा, परीक्षा रिकॉर्ड और यहां तक कि छात्रावास और पुस्तकालय विवरण भी संग्रहीत करता है. इसके अतिरिक्त, यह छात्रों की दिन-प्रतिदिन की प्रगति पर नजर रखता है. शिक्षण प्रबंधन प्रणाली, शिक्षा का एक हिस्सा एमआईएस पाठ वितरण को सुव्यवस्थित करके और छात्र असाइनमेंट और मूल्यांकन को डिजिटल बनाकर कार्यभार को कम करने और कक्षा की गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने में सहायता करता है. शिक्षा अधिकारियों के अध्ययन के बाद पहली क्लास से ही बच्चों को यूनिक आईडी देने की शुरूआत की जायेगी.
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