मोतिहारी.भीषण गर्मी व समय से बारिश नहीं होने के कारण जिले के अधिकांश नहर व झील सूखने के साथ ही किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. वाटर बजट रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी चम्पारण में जिस प्रकार से मनुष्य से लेकर जीव, जंतु व पक्षी की आबादी बढ़ रही है. उसके अनुसार वर्ष 2030 में भयंकर जल संकट का सामना यहां के लोगों को करना पड़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार आज से छह साल बाद करीब एक लाख 4813 हेक्टेयर मीटर पानी की खपत होगी. जिसके कारण वर्ष 2030 में 35 हजार 666 हेक्टेयर मीटर पानी की कमी हो जाएगी. इसका प्रमुख कारण नदी, नहर, झील का सूखना बताया जा रहा है. जिले में हजारों एकड़ में फैला हुआ है सूखा नदी व झील का दायरा. 86 हजार 487 एकड़ में फैला हुआ है सुखा नदी का है दायरा. उक्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2031 में 85 लाख 42,941 जनसंख्या मनुष्य की हो जाएगी. वही बड़ा पशु की संख्या 66 लाख 4664 व छोटा पशु 69 लाख 52,198 व पक्षी 31 लाख 81,274 हो जाएगी. नहर के लिए किसानों की अधिगृहित की गयी जमीन बेकार पड़ी है. इसका भी अतिक्रमण हो रहा है. इन नहर व झील में पानी नहीं रहने से समुचित सुविधा नहीं मिल पा रही है. सदर प्रखंड मनरेगा पीओ तरुण कुमार ने बताया कि झील व नहर पूरी तरह से नहीं सूखना चाहिए. इसमें पानी एक से पांच मीटर में हमेशा रहती है. कही ना कही वाटर ड्रेनेज हो रहा है. इसके लिए पटना से ग्रामीण विकास विभाग के अभियंताओं की टीम आएगी. विभाग को सूचना दी गयी है.
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