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ओके ::: दुरुस्त की गयी 31 एंबुलेंस डॉयल 108 से जुड़ी

रांची. पुरानी 31 एंबुलेंस को दुरुस्त कर 108 आपातकालीन सेवा से जोड़ा गया. स्वास्थ्य विभाग की फटकार के बाद पुरानी कंपनी मेसर्स जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड ने मेसर्स इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ

रांची. पुरानी 31 एंबुलेंस को दुरुस्त कर 108 आपातकालीन सेवा से जोड़ा गया. स्वास्थ्य विभाग की फटकार के बाद पुरानी कंपनी मेसर्स जिकित्जा हेल्थकेयर लिमिटेड ने मेसर्स इएमआरआइ ग्रीन हेल्थ सर्विसेज को इन पुराने वाहनाें को मरम्मत के बाद सौंप दिया है. यह सभी एंबुलेंस बेसिक लाइफ सुविधा वाले हैं. मौजूदा दौर में इस सेवा के संचालन का जिम्मा मेसर्स इएमआरआइ को दिया गया है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के एनजीओ सेल उप निदेशक सह नोडल पदाधिकारी डॉ डीपी सक्सेना ने सभी सिविल सर्जन को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है. आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पांच साल पहले जिकित्जा को नयी एंबुलेंस खरीद कर दी थी, कंपनी ने पांच साल बाद इसे कबाड़ कर लौटाया था. नयी कंपनी की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी उपायुक्तों को आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के तहत डॉयल 108 के सभी एंबुलेंसों के कंडीशन जांचने के साथ ही कंपनी को इसे दुरूस्त कर लौटाने को कहा था.

रांची को मिले थे चार खराब एंबुलेंस ::::::

मेसर्स जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड के द्वारा जिला स्तर पर इसका संचालन किया जा रहा था. हस्तांतरण प्रक्रिया के दौरान जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि इनमें बहुत सारी एंबुलेंस के साथ-साथ उनमें लगाये गये कीमती उपकरण की स्थिति कंडम है. इसमें ज्यादातर उपकरण सही रखरखाव न होने के कारण जंग खा कर खराब हो गये हैं. रांची जिला में भी सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने ऐसे चार एंबुलेंसों को कंडम घोषित किया था.

543 वाहन से मरीजों को मिल रही सेवा :

झारखंड में 14 नवंबर 2017 से मुफ्त 108 एंबुलेंस सेवा दी जा रही है. इसके तहत 50 एडवांस लाइईफ सपोर्ट (एएलएस) जबकि 287 बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) एंबुलेंस चलायी जा रही थी. बेड़े में पहले की 337, जबकि अभी 206 बिलकुल नयी एंबुलेंस यानी कुल 543 वाहन को शामिल किया गया है.

जामताड़ा के सिविल सर्जन ने नहीं लिया था हैंडओवर ::::::

108 आपातकालीन एंबुलेंस सेवा के तहत जामताड़ा जिले में पूर्व से संचालित सभी आठ एंबुलेंस का हस्तांतरण सिविल सर्जन ने नहीं लिया था. इनमें से कई के कंडीशन बहुत खराब है. यहां 14 अगस्त को ही हस्तांतरण कर लिया जाना था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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