देवघर एसपी राकेश रंजन को मिली गुप्त सूचना के आधार पर साइबर थाने की पुलिस ने कुंडा व मधुपुर थाना क्षेत्र बावनबीघा मुहल्ले में छापेमारी कर तीन साइबर संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. इनलोगों के पास से पुलिस ने पांच मोबाइल सहित चार सिम कार्ड व आठ एटीएम कार्ड जब्त किया है.
तीन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा रंगे हाथ
जानकारी के अनुसार, गिरफ्तार साइबर आरोपितों में कुंडा थाना क्षेत्र के गौरीपुर गांव निवासी दीपक कुमार मंडल सहित बबलू कुमार व गिरिडीह जिले के अरगाघाट राजपूत मुहल्ला निवासी टिंकू कुमार दास शामिल है. इनलोगों के पास से बरामद मोबाइल व सिम कार्ड खंगालने पर पुलिस को 11 क्राइम लिंक मिले हैं. वहीं एक प्रतिबिंब एप पर अपलोड फर्जी नंबर भी बरामद हुआ है. पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि फर्जी बैंक अधिकारी बनकर उपभोक्ताओं को झांसे में लेने के बाद मोबिक्विक के माध्यम से एटीएम कार्ड बंद होने व चालू कराने की बात कहकर ठगी करता है. इसके अलावा फर्जी समाज कल्याण पदाधिकारी बनकर लाभुकों को योजना का पैसे दिलाने के नाम पर आधार, पेन, मोबाइल व ओटीपी आदि की जानकारी लेकर पैसे की ठगी करता था. छापेमारी टीम में इंस्पेक्टर सुकांत त्रिपाठी सहित पुलिसकर्मी सरोज कुमार झा व विकास कुमार साह शामिल थे. इन तीनों साइबर आरोपितों के खिलाफ साइबर थाने में इंस्पेक्टर नागेंद्र सिन्हा की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
बनाया है आलीशान घर, ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदकर बेचता था आधी कीमत में
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एक आरोपित दीपक को छुड़ाने के लिए पुलिस के अधिकारियों के पास खूब पैरवी की गयी. हालांकि पुलिस ने उसे छोड़ने से इनकार कर दिया. उसकी पत्नी रविवार दोपहर में पति का आई कार्ड लेकर साइबर थाने के पास घूमती देखी गयी. उक्त आई कार्ड पोस्टल डिपार्टमेंट का था, जिसमें दीपक के नाम के नीचे जीडीएस एबीपीएम बरियारपुर एसओ मुंगेर डिविजन लिखा था. सूत्रों की मानें तो आईकार्ड देखने के बाद पुलिस ने आरोपित से इस बारे में पूछताछ की, जिसमें उसने स्वीकार किया कि पूर्व में उसने कुछ दिन पोस्टल डिपार्टमेंट में नौकरी की थी. लेकिन अच्छी कमाई नहीं होने के कारण उसने बाद में नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद आरोपित साइबर अपराध करने लगा.
ठगी के पैसों से करोड़ों का महल बनाया
सूत्रों के मुताबिक, साइबर अपराध की कमाई से आरोपित ने करोड़ों रुपये कमाये व कुंडा थानांतर्गत हवाईअड्डा के बगल स्थित गांव में आलीशान मकान भी बनाया है. वहीं उसके मोबाइल में ऑनलाइन एसी आदि इलेक्ट्रॉनिक्स सामान खरीदने का बिल आदि मिले हैं. उस बारे में पुलिस को पता चला है कि साइबर अपराध के पैसे से वह ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की बिलिंग कराकर उसे आधी कीमत में लोगों के पास बेच देता था. एसी सहित कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स सामान उसने कुछ लोगों के पास बेचने की बात कबूल करते हुए उनलोगों का नाम-पता भी पुलिस को बताया है. सूत्रों की मानें तो गुजरात के किसी के खाते से उड़ाये हुए साइबर अपराध के पैसे से उसने तीन-चार दिन पूर्व तीन एसी की ऑनलाइन बिलिंग करायी है. उक्त तीनों एसी की डिलिवरी भी हो चुकी है, कहां उसने रखा है, यह पुलिस पता लगाने में जुटी है.
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