समस्तीपुर : सरकारी विद्यालयों में सिर्फ नामांकन करा साइकिल, पोशाक समेत अन्य योजनाओं का लाभ लेने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है. सिर्फ वैसे छात्रों को इस योजना का लाभ मिलेगा, जो नियमित तौर पर स्कूल में उपस्थित रहते हैं व उनकी उपस्थिति कम से कम माह में 75 फीसदी हो. फर्जी हाजिरी पर अंकुश लगाने को ले विभाग ने जो रणनीति बनाई है, उससे छात्र से लेकर शिक्षक तक को परेशानी में डाल दिया है. पिछले कुछ माह से ई-शिक्षाकोष व निरीक्षण अभियान के तहत चलाये जा रहे राज्यस्तरीय निरीक्षण में छात्रों की उपस्थिति की हकीकत खुलने लगी है. जिसे ले विभाग पूरी तरह सख्त नजर आ रहा है. अगले एक-दो माह में छात्रों को दी जाने वाली साइकिल, पोशाक, छात्रवृत्ति समेत अन्य लाभुक योजनाओं का लाभ के दौरान अधिकारियों को सतर्कता बरतने का निर्देश विभाग ने दिया है. पिछले डेढ़ माह के दरम्यान जिले के दो दर्जन उच्च व उच्च माध्यमिक विद्यालयों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा की गई है. जिसमें निरीक्षण का कोई ऐसा दिन न हो कि निरीक्षित विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति 80 फीसदी हो. जिले के निरीक्षित विद्यालयों का औसत छात्रोपस्थिति तकरीबन 56-62 फीसदी पाई गई है. सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी के बाद एक बार फिर से पढ़ाई शुरू हो गई है. हालांकि खुलने के बाद से ज्यादातर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही. गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 90% अनिवार्य कर दी गई है. शिक्षकों की उपस्थित भी शत प्रतिशत होनी अनिवार्य है. जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि स्कूलों में 90% उपस्थिति नहीं रहने पर प्रधानाचार्य और शिक्षकों पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. इसको लेकर स्कूल के शिक्षकों और प्रधानाचार्य की जिम्मेवारी बढ़ गई है. पूर्व से लागू निर्देश के अनुसार तीन दिन से अधिक बिना बताये स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के अभिभावकों से स्कूल प्रबंधन के द्वारा फोन कर स्कूल नहीं आने का कारण पूछा जाता है. सात दिनों तक स्कूल नहीं आने पर अभिभावकों को नोटिस भेजा जाता है और बिना जानकारी 15 दिनों तक स्कूल नहीं आने वाले बच्चों का रजिस्टर से नाम काट दिया जाता है. इसके बाद दोबारा नाम लिखवाने के लिए प्रॉपर कारण के साथ अभिभावकों को शपथ पत्र एफिडेविट के साथ देना होता है तब जाकर नाम वापस रजिस्टर में दर्ज हो सकता है.इधर, स्कूलों में दिए जाने वाले दोपहर के खाने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और धांधली पर अंकुश लगाने के लिए आईवीआरएस से माॅनिटरिंग की जा रही है. इसके माध्यम से भी अनियमितता का खुलासा हो रहा है.
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