डीबीए मतगणना. तीन मतपेटियों के मतपत्रों की ही हो पाई छंटनी, आज सुबह दस बजे से फिर शुरू होगी गिनती
तय समय से दो घंटे विलंब से शुरू हुई गणना के दौरन पहले 1 नंबर मतपेटी से शुरू हुई, जिसकी छंटनी में करीब तीन घंटे का समय लग गया. देर शाम तक महज दो मतपेटियों की ही छंटनी की जा सकी थी. देर शाम सात बजे तक दोनों ही पेटियों के मतपत्रों की छंटनी पूरी करने के बाद कार्य रोक दिया गया. मतपत्र पेटियों को सुरक्षित सील कर डीबीए भवन में ही स्ट्रांग रूम बनाकर कमरे को सभी प्रत्याशियों के सामने सील कर दिया गया. बता दें कि कुल 13 मत पेटियों के मतपत्रों की छंटनी की कार्रवाई के बाद गणना की कार्रवाई शुरू होगी. बताया गया कि अगले दिन यानी सोमवार को फिर से सुबह10 बजे प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इधर छंटनी की प्रक्रिया को लेकर बनाये गये एक टेबल को बढ़ाकर दो करने की मांग की गयी. इसके लिए प्रयास भी किया गया, पर वह सफल नहीं हुआ. जिस रफ्तार से छंटनी की प्रक्रिया की जा रही है ऐसे में प्रक्रिया को पूर्ण होने में सोमवार तक का भी समय लग सकता है. मतपत्रों की छंटनी के बाद मतों की गिनती शुरू की जायेगी. वहीं गणना में भी कुल 11 पदों पर हुए मतदान की गिनती पूरी करने के लिए घंटों का समय लग सकता है.
बता दें कि मतगणना की प्रक्रिया निर्वाची पदाधिकारी मो शमशुद्दीन की निगरानी में की जा रही है. विभिन्न पदों के लिए 114 प्रत्याशियों के लिए 2791 मतदाताओं में 2163 वोटरों में मताधिकार का उपयोग किया है. रविवार को की जा रही मतगणना के दौरान माहौल शांतिपूर्ण रहा. पुलिस बलों की सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी करायी जा रही है. मतपत्रों की गणना के दौरान प्रत्याशियों के अलावा किसी को भी मतगणना स्थल पर मौजूद रहने की अनुमति नहीं थी. इधर स्ट्रांग रूम में पेटियों को सील कर रखे जाने के बाद प्रत्याशियों के सहयोगी डीबीए परिसर में ही देर रात तक पहरा देते दिखे. निर्वाची अधिकारी मो शमशुद्दीन ने बताया कि पहले दिन तीन मत पेटियों के मतपत्रों की छंटनी हो सकी. अनशन पर बैठे अधिवक्ताओं ने कहा, हाई कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा
इधर डीबीए चुनाव में गलत तरीके से नामांकन को रद्द किये जाने और विधिज्ञ संघ चुनाव के लिए बनाये गये मॉडल रूम का उल्लंघन कर संपन्न कराये जा रहे चुनाव के विरोध में अधिवक्ता अजीत कुमार सोनू और कपिल देव कुमार का अनशन रविवार को भी जारी रहा. डीबीए परिसर में ही धरना स्थल पर जारी अनशन के दौरान विरोध करने वाले अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि पिछले चार दिनों से निर्वाची पदाधिकारी के द्वारा उनके धरना और अनशन को दरकिनार कर बिना उनकी मांगों को सुने ही असंवैधानिक तरीके से चुनाव संपन्न कराया गया. अनशनकारी अधिवक्ताओं और उनके समर्थकों ने कहा कि अब उनकी ओर से अनशन के साथ साथ प्रदर्शन, चक्का-जाम, न्यायालय में काम नहीं करने, पुतला दहन आदि कार्यक्रम किये जाएंगे. इस साल के चुनाव को रद्द करने के लिए वे लोग हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है