केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि राज्यों को देने के लिए केंद्र सरकार करेगी ‘स्पर्श’ तकनीक का उपयोग
कैलाशपति मिश्र,पटना
केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) की राशि का डायवर्जन और पार्किंग रोकने के लिए केंद्र सरकार नये-नये प्रयोग कर रही है.नयी तकनीक के उपयोग किये जा रहे हैं, जिससे योजनाओं की राशि की रियल टाइम मॉनीटरिंग की जायेगी. इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही से सीएसएस की राशि राज्य को भेजने के लिए ‘स्पर्श’ तकनीक का प्रयोग किया जायेगा.जुलाई से रिजर्व बैंक के पेमेंट पोर्टल पर इ-कुबेर से ‘स्पर्श’ नाम की तकनीक से एक ट्रिक से सारा पैसा राज्य सरकार के खाते में पहुंच जायेगा. शुरुआत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पशु व मत्स्य संसाधन, समाज कल्याण और पर्यावरण, वन एवं जलवायु विभाग की केंद्र प्रायोजित योजना से की जायेगी. इन विभागों की योजनाओं की राशि केंद्र नये सिस्टम से भेजेगा. इसके बाद दूसरे विभागों की योजनाओं का भी आवंटन इसी तरीके से किया जायेगा. इसके लिए वित्त विभाग में इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम को पब्लिक फाइनेंसियल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ने का काम चल रहा है.
क्या है ‘स्पर्श’ सिस्टम
‘स्पर्श’सिस्टम के तहत राज्य सरकार के विभागों को पहले केंद्र की योजनाओं में केंद्रीय अंशदान के लिए डिमांड भेजना होगा. डिमांड भेजने के बाद केंद्र सरकार केंद्र प्रायोजित योजना में अपने हिस्से का पैसा आरबीआइ के माध्यम से देगी. इस सिस्टम से हर केंद्र प्रायोजित योजना के लिए अलग खाता खोला जायेगा. इसमें केंद्र और राज्य दोनों को अपना-अपना हिस्सा देना होगा.इस सिस्टम में केंद्र और राज्य दोनों के अधिकारियों को हर वक्त यह देखना होगा कि किस स्कीम में किसने कितना पैसा डाला गया है. उसे सही तरीके से खर्च किया जा रहा है या नहीं किया जा रहा है.रियल टाइम मॉनीटरिंग से योजनाओं के पैसे को किसी और काम में लगाना या खाते में ही छोड़ देना सामने आ जायेगा.
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