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ममता सरकार में बंगाल आने से डरते हैं उद्योगपति : सुभाष सरकार

केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने दावा किया कि निवेशक पश्चिम बंगाल आने से डर रहे हैं. जब तक ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार सत्ता में है, तब तक राज्य में कारोबार दुरुस्त नहीं हो सकेगा.

बांकुड़ा.

केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने दावा किया कि निवेशक पश्चिम बंगाल आने से डर रहे हैं. जब तक ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार सत्ता में है, तब तक राज्य में कारोबार दुरुस्त नहीं हो सकेगा. राज्य में नौकरी की खराब स्थिति के लिए तृणमूल सरकार की भूमि अधिग्रहण नीति और हर ओर भ्रष्टाचार के आरोप जिम्मेदार हैं. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सरकार ने एक साक्षात्कार में कहा, “ उद्योगपति पश्चिम बंगाल आने से कतराते हैं. राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए इस सरकार को बदलने की सख्त जरूरत है.” तृणमूल कांग्रेस 2011 में जबरन जमीन हड़पे जाने के विरुद्ध नीति और नंदीग्राम एवं सिंगूर में पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन के कारण सत्ता में आयी थी. वामपंथियों ने बार-बार दावा किया है कि अधिग्रहण राज्य के पुन: औद्योगीकरण और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए थे. सरकार ने यह भी कहा कि बेरोजगारी और पश्चिम बंगाल से दूसरे राज्यों में श्रमिकों के प्रवास की समस्याएं तभी हल होंगी, जब उद्योग-धंधे आएंगे. युवाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम चलाये जायेंगे. सरकार ने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षों में हमारी बड़ी संख्या में युवाओं को कुशल बनाने की योजना है.’’

बांकुड़ा सीट से भाजपा के टिकट पर एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरे सरकार ने विश्वास व्यक्त किया कि वह पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज करेंगे. वर्ष 2019 के चुनावों में उन्होंने निकटतम तृणमूल प्रतिद्वंद्वी पर 1.74 लाख वोट से अधिक अंतर से जीत दर्ज की थी. सरकार ने कहा कि वह धरती पुत्र हैं और पार्टी कार्यकर्ता एवं समर्थक उनके साथ दृढ़ता से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने विकास और सामाजिक कल्याण की यात्रा के माध्यम से देश का नेतृत्व किया है. केंद्र और भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है.

संदेशखाली की घटना महिला मतदाताओं को करेगी प्रभावित

उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के प्रति निष्ठावान गुंडों द्वारा लोगों पर भ्रष्टाचार एवं उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. सरकार ने कहा कि संदेशखाली क्षेत्र में तृणमूल के कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा महिलाओं पर यौन अत्याचार एवं ग्रामीणों की जमीन हड़पने के आरोप लगभग 250 किलोमीटर दूर स्थित बांकुड़ा में तृणमूल को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे. उन्होंने कहा, “वहां (संदेशखाली) की घटनाएं महिला मतदाताओं को प्रभावित करेंगी. ” सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि तृणमूल विभिन्न मामलों में पार्टी के आरोपी पूर्व नेताओं का समर्थन कर रही है, जैसे- संदेशखाली में शाहजहां शेख, अनुव्रत मंडल और अन्य. मंडल कथित पशु तस्करी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं.

तृणमूल सुप्रीमो का मॉडल सामंती व्यवस्था के समान : उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार और बंगाल में ममता बनर्जी सरकार की तुलना कतई नहीं की जा सकती. उन्होंने जोर देकर कहा कि तृणमूल सुप्रीमो का मॉडल सामंती व्यवस्था के समान है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री के विकास कार्यों की तुलना ममता बनर्जी के मॉडल से नहीं की जानी चाहिए. मोदी का“सब का साथ, सबका विकास’ मॉडल सभी के जीवन की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए है. केंद्र सरकार देशभर के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करा रही है.”

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