विधि प्रतिनिधि, धनबाद,
झारखंड लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के निर्देश पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार राम शर्मा के आदेशानुसार रविवार को मंडल कारा धनबाद में जेल अदालत का आयोजन किया गया. अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन ने बताया कि जेल अदालत में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला, रेलवे के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार व न्यायिक दंडाधिकारी मोसरत जिया तारा की उपस्थिति में मंडल कारा पाल दिनेश वर्मा द्वारा जेल अदालत के लिए चिन्हित कूल चार बंदियों को पीठासीन न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष हाजिर कराया गया. इसमें दो बंदी समीर खान उर्फ भोला और पूरन हाड़ी को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला और न्यायिक दंडाधिकारी मोसरत जिया तारा के न्यायालय से रिहा किया गया. रेलवे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से दो बंदियों का हिरासत अवधि पूरा नहीं होने के कारण उनको रहा नहीं किया गया. इसके बाद डालसा सचिव ने जेलर को झालसा की गाइडलाइन की तर्ज पर कई निर्देश दिये. उन्होंने वैसे सभी विचाराधीन बंदियो जिनका बेल हो चुका है और न्यायालय में बेल बॉन्ड फर्निश नहीं किया गया है, उन्हें चिन्हित कर डालसा कार्यालय को सूचित करें. विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों की पढ़ाई के लिए स्पेशल रूम व स्मार्ट बोर्ड की व्यवस्था करने, मंडल कारा में वोकेशनल ट्रेनिंग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इससे पूर्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने मंडल कारा में पुरुष और महिला डॉक्टर, पारामेडिकल स्टाफ की उपलब्धता और मंडल कारा में साफ-सफाई, स्वास्थ्य संबंधी और कैदियों के लिए कौशल विकास की व्यवस्था का निरीक्षण किया. मौके पर एलएडीसीएस चीफ डॉ कुमार विमलेंदु, सहायक अरुण कुमार, सौरभ सरकार, अरविंद कुमार, अजय रजक, राजेश कुमार सिंह, एलएडीसीएस सहायक कन्हैया ठाकुर, नीरज गोयल, शैलेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है