valley of flowers : ट्रेकिंग के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी खबर है. उत्तराखंड में स्थित फूलों की घाटी की यात्रा शुरू होने की तिथि की घोषणा कर दी गयी है. इस यात्रा के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार के पर्यटन विभाग ने यात्रा पैकेज भी शुरू किया है. आप अगर ट्रेकिंग के शौकीन हैं, तो इस बार इस खूबसूरत वैली का दीदार कर सकते हैं, जहां फूलों की 300 से अधिक प्रजातियां पायी जाती हैं.
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में शामिल है यह वैली
फूलों की घाटी ट्रेक हिमालय में भारत के सबसे लोकप्रिय ट्रेक में से एक है. जिन लोगों ने हिमालय में कदम भी नहीं रखा है, उन्होंने भी फूलों की घाटी ट्रेक के बारे में जरूर सुना होगा. वैली ऑफ फ्लावर की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण यह है कि ये भारत के सबसे पुराने ज्ञात ट्रेक में से एक है. वर्ष 1980 में भारत सरकार ने फूलों की घाटी को नेशनल पार्क बनाया और बाद में 2002 में इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी. इसने फूलों की घाटी को दुनिया भर के ट्रेकर्स की सूची में शामिल कर दिया.
फूलों की तीन सौ अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं यहां
फूलों की घाटी का ट्रेक पुष्पावती नदी के किनारे घने जंगलों से होकर गुजरता है और रास्ते में कई पुलों, ग्लेशियरों और झरनों को पार करके पहुंचा जा सकता है. यह घाटी जून से अक्तूबर/ नवंबर तक ट्रेकर्स के लिए खुली रहती है. उत्तराखंड पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, बर्फ पिघलने के कारण इस बार पोटेंटिला, जंगली गुलाब और प्रिमरोज के जल्दी खिलने की सूचना मिली है. इनके अलावा, ट्रेकर्स यहां 300 से अधिक प्रजातियों में से ब्रह्मकमल, एनीमोन्स, जेरेनियम, ब्लू पोपीज और ब्लूबेल्स सहित विभिन्न प्रकार के फूलों को देख सकते हैं. हिमालयी चोटियों की अद्भुत सौंदर्य के साथ सुंदर फूलों के मनोरम दृश्य के अलावा, यात्री यहां ग्रे लंगूर, उड़ने वाली गिलहरी, हिमालयी नेवला, काला भालू, लाल लोमड़ी, नींबू तितली, हिम तेंदुआ और हिमालयी मोनाल सहित दुर्लभ वन्यजीव कई प्रजातियों को देख सकते हैं. यह क्षेत्र कई तरह की वनस्पतियों का भी केंद्र है.
जून की पहली तारीख से ट्रेकर्स शुरू कर सकेंगे ट्रेकिंग
ट्रेकर्स के लिए रोमांचक खबर है. वर्ष 2024 के लिए उत्तराखंड में फूलों की मनमोहक घाटी ट्रेक की शुरुआत की तारीख की घोषणा कर दी गयी है. इस साल 1 जून से, ट्रेकर्स भारत के सबसे खूबसूरत ट्रेक में से एक, फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जो कि उत्तराखंड का एक प्रतिष्ठित ट्रेक है, की यात्रा पर निकल सकते हैं. जून की पहली तारीख से ट्रेकर्स तरह-तरह के फूलों से भरी 17 किलोमीटर की इस साहसिक यात्रा की योजना बना सकते हैं. इस ट्रेक पर जाने के लिए कम से कम तीन दिन लगते हैं.
जानें कैसे पहुंच सकते हैं यहां
फूलों की घाटी जानें के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जहां से इसकी दूरी वाया रोड लगभग 273 किमी है. वहीं देहरादून में स्थित जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से यह जगह लगभग 292 किमी दूर है. यात्री ऋषिकेश या देहरादून पहुंच कर समुद्र तल से लगभग 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित गोविंदघाट तक कैब बुक कर सकते हैं या स्वयं ड्राइव कर जा सकते हैं. गोविंदघाट से फूलों की घाटी का पैदल ट्रैक शुरू होता है, जिसमें अगला पड़ाव घांघरिया पड़ता है. यह एक मध्यम स्तर का ट्रेक है, जिसमें ट्रैकिंग के दिन थोड़े लंबे हैं और हेमकुंड साहिब तक सीधी चढ़ाई है जो आपके धैर्य को चुनौती देगी. इस ट्रेक के लिए अच्छी तरह से तैयारी करें. यहां जाने के लिए आप उत्तराखंड सरकार की गढ़वाल मंडल विकास निगम की वेबसाइट https://gmvnonline.com/valley-of-flowers-destination से अहम जानकारी के साथ यात्रा पैकेज की जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.