Agniveer Yojana: सेना को युवा बनाने के लिए सैन्य भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया गया और अग्निवीरों की भर्ती शुरू की गयी. अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया के तहत सेना में चार साल की नौकरी के बाद 25 फीसदी को स्थाई किया जाएगा और बाकी अन्य सेना से अलग काम करेंगे. इस भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए और विपक्षी दलों ने वादा किया है कि सरकार बनने पर वे इस प्रक्रिया को समाप्त कर देंगे. इस बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(सीडीएस) अनिल चौहान ने कहा कि अग्निवीर सिर्फ सैनिक नहीं है, बल्कि नेतृत्वकर्ता, खोजकर्ता और देश की संप्रभुता के रक्षक भी है. कर्नाटक के बेलगावी में मराठा रेजिमेंटल सेंटर एंड एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल में अग्निवीरों के साथ संवाद करते हुए सीडीएस ने कहा कि सेना में सेवा देना देश सेवा में सबसे बड़ा योगदान देने के समान है. सैन्य सेवा का चुनाव कर अग्निवीरों ने देश सेवा की भावना का परिचय दिया है.
सैनिकों को कई चुनौतियों का करना पड़ता है सामना
सैनिकों काे व्यक्तिगत और पारिवारिक स्तर पर कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होता है. यही नहीं ट्रेनिंग के दौरान भी सैनिक को कठिन भौगोलिक स्थिति के अनुसार ढलना होता है. लेकिन इस चुनौतियों के बावजूद सैनिक आगे बढ़ते रहते हैं. अग्निवीरों को भी इस चुनौतीपूर्ण सफर में काफी सीखने का मौका मिलेगा और इससे भविष्य में उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
युद्ध का बदल रहा है तरीका
सीडीएस ने कहा कि समय के साथ युद्ध का तरीका बदल रहा है. भविष्य में होने वाले युद्ध जटिल होंगे. परंपरागत युद्ध की बजाय साइबर वारफेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तरह के खतरे युद्ध का अभिन्न अंग होंगे. तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के कारण सैनिकों को नयी तकनीक के बारे में हमेशा जानकारी हासिल करनी होगी और भविष्य के तकनीक से भी अवगत होना. साथ ही युद्ध के दौरान नये तरीके अपनाने होंगे. सैनिकों के लिए ट्रेनिंग और सीखना जीवन भर की प्रक्रिया है. सैनिकों को समय से साथ कौशल का विकास करना होता है.