पीरीबाजार. नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना व्यवस्था की परिकल्पना की गयी है, लेकिन जिन अधिकारियों व पदाधिकारियों पर विकास कार्यों की जवाबदेही है वही निर्माण कार्यों में लापरवाही बरतते हैं. जिसका खामियाजा नक्सल प्रभावित ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसी ही समस्या पीरीबाजार थाना क्षेत्र के लोसघानी पंचायत स्थित राजपुर पुल से लोसघानी ठाकुरबाड़ी तक सड़क निर्माण में देखने को मिली है. यहां की पीसीसी ढलाई की गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं होने के कारण ढलाई के बाद से उसमें जगह-जगह दरारें बढ़ती जा रही हैं. जबकि ढलाई के दौरान संवेदक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करने पर ग्रामीणों ने विरोध किया था. इसके बावजूद संबंधित अधिकारी डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे. परिणामस्वरूप लगभग 70 लाख की लागत से निर्मित 1.1 किलोमीटर लंबी पीसीसी ढलाई सड़क डेढ़ साल के भीतर ही फट गयी है. लोसघानी के ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों एवं संवेदक की मिलीभगत से थाना क्षेत्र में अधिकांश सड़क निर्माण के बाद ही पीसीसी ढलाई में दरारें आना आम बात हो गयी है. इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता प्रमोद कुमार विद्यार्थी ने बताया कि तीन दिन सड़क का निरीक्षण किया गया है. संवेदक को चिट्ठी लिखी जा रही है.
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