कोल शॉर्टेज मामले में
धनबाद.
बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना में हुए लाखों मीट्रिक टन कोल शॉर्टेज मामले की सुनवाई सोमवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश राकेश कुमार की अदालत में हुई. अभियोजन की ओर से सीबीआइ के लोक अभियोजक मुरारी कुमार आर्य ने बीसीसीएल के तत्कालीन सुप्रीटेंडेंट ऑफ माइंस (विजिलेंस) अधिकारी अंजनी कुमार की गवाही करायी. गवाह अंजनी कुमार ने अदालत को बताया कि वह 20 अक्टूबर 2016 से दिसंबर 2020 तक विजिलेंस डिपार्टमेंट में कार्यरत थे. उन्होंने मुख्य सतर्कता पदाधिकारी के आदेश पर कोयले का स्टॉक मेजरमेंट करने लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा ओसीपी गये थे. बचाव पक्ष के अधिवक्ता डीके चौबे व संजीव पांडेय ने गवाह का प्रति परीक्षण किया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी है. अदालत में सुनवाई के दौरान लोदना क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक टी के बंदोपाध्याय, पूर्व एजीएम कन्हैया सिंह, मैनेजर आदिश यादव गैर हाजिर थे. जबकि सुरजीत मित्तल व एचसी कुशवाहा उपस्थित थे.क्या है आरोप :
सीबीआइ इंस्पेक्टर एमके पाठक, सब इंस्पेक्टर आरसी खत्री व बीसीसीएल के विजिलेंस डिपार्टमेंट की ओर से अंजनी कुमार सुपरिटेंडेंट ऑफ माइंस (विजिलेंस) व संजय कुमार सीनियर माइनिंग इंजीनियर ( विजिलेंस) की संयुक्त टीम ने लोदना क्षेत्र के नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना के कोयले का बुक स्टॉक की जांच की. जांच के दौरान 20.5.2010 से 24.5.2010 की अवधि में नॉर्थ तिसरा व साउथ तिसरा उत्खनन परियोजना में 312989.100 लाख मिट्रिक टन कोल शॉर्टेज था. इससे बीसीसीएल को करीब 42 करोड़ रूपये का आर्थिक नुकसान हुआ था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है