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नित्य सुदर्शन क्रिया के अभ्यास से तनाव से मिलती है मुक्ति : निशांत

आर्ट ऑफ लिविंग के तहत आयोजित पांच दिवसीय ग्लोबल हैप्पीनेस प्रोग्राम का समापन सोमवार को हुआ.

जामताड़ा. आर्ट ऑफ लिविंग के तहत आयोजित पांच दिवसीय ग्लोबल हैप्पीनेस प्रोग्राम का समापन सोमवार को हुआ. आर्ट ऑफ लिविंग के वरिष्ठ प्रशिक्षक व स्टेट टीचर को-ऑर्डिनेटर निशांत कुमार ने कहा कि वर्तमान परिवेश में हर व्यक्ति निजी जिंदगी में कई मनोरोग के शिकार होते जा रहा हैं. छोटी-छोटी बातों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और नकारात्मक विचार, तनाव का कारण बनते जा रहा है. ऐसे हालात में आर्ट ऑफ लिविंग में सिखाई जाने वाली श्री श्री रविशंकर जी की ओर से प्रदत्त दिव्य सुदर्शन क्रिया- एकमात्र ऐसी विधा है, जिससे जीवन के हर उतार-चढ़ाव को उत्सव बना देता है. कहा अक्सर हम अपने जीवन में तनाव से होने वाले प्रभाव से अपरिचित रहते हैं. प्राय हमारा मन भूतकाल को लेकर क्रोध या पश्चाताप की जकड़ में रहता है, अथवा भविष्य को लेकर चिंतित रहता है. मन के इस व्यवहार के कारण हमारे और हमारे आस पास के लोगों पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है, साथ ही हमारी कार्यकुशलता भी प्रभावित होती है. श्वास हमारे शरीर और मन के बीच की कड़ी है, इसलिए यह मन और नकारात्मक भावनाओं को संभालने का साधन भी है. कार्यक्रम में प्रतिभागी के रूप में 19 लोगों ने दिव्य सुदर्शन क्रिया का अभ्यास किया. इसमें मुख्य रूप से डॉ मंजुला मुर्मू, रश्मि अग्रवाल, रमा रानी सरकार, निशि कला दास, संजय कुमार, डॉ लक्ष्मण मंडल, अशोक कुमार बर्मन, लवली दुबे आदि ने हिस्सा लिया. मौके पर जिला मीडिया प्रभारी विजय भगत, अरुण चौधरी, उषा किरण सिंह, शोभा डालमिया, अंजू चौधरी, रीना द्विवेदी, अंजू भगत, आलोक डालमिया, मीरा नरनोलिया, रंजीत गोराई, शत्रुघ्न यादव, इंदु प्रभा, वर्षा कश्यप, विवेक सिन्हा आदि थे.

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