बरबीघा. बिना काम कराये सरकारी राशि की अवैध निकासी किये जाने के मामले में बरबीघा के मालदह पंचायत के पूर्व पंचायत सचिव के विरुद्ध कारवाई की गाज गिरी है. मालदह पंचायत के पूर्व पंचायत सचिव ने बिना कोई काम कराए ही लगभग 11 लाख रुपए की निकासी कर ली थी. इस मामले को प्रभात खबर ने लगातार प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था. जिसके बाद इस मामले में पूर्व पंचायत सचिव के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है. वितीय वर्ष 2022-23 में बरबीघा प्रखंड के मालदह पंचायत में तत्कालीन पंचायत सचिव ताहिर इमाम और मुखिया अनामिका कुमारी के हस्ताक्षर से अवैध निकासी की गयी थी. इस संबंध में जानकारी देते हुए बरबीघा के प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि वरीय पदाधिकारी के जांच में मामला सत्य पाए जाने के बाद कार्रवाई की गयी है. जिला प्रशासन ने ताहिर ईमाम पर विभागीय कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अमित कुमार को ही निर्देशित किया है. निलंबन अवधि के दौरान ताहिर इमाम का मुख्यालय प्रखंड कार्यालय घाटकुसुंभा निर्धारित किया गया है. ताहिर इमाम के निलंबन के बाद पाक पंचायत में रिक्त पद के लिए पिंजड़ी पंचायत के वर्तमान पंचायत सचिव अर्जुन पासवान को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. बरबीघा प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि ताहिर इमाम के बाद इसमें शामिल पंचायत के मुखिया अनामिका कुमारी के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
धरातल पर दोनों योजनाओं का काम पूर्ण किये बगैर निकाल ली थी राशि
गौरतलब हो की मालदह पंचायत के वर्तमान पंचायत सचिव के द्वारा कुछ महीने पहले शेखपुरा के जिलाधिकारी को लिखी गई चिट्ठी में बताया गया था कि षष्टम वित्त आयोग के माध्यम से मालदह पंचायत में वित्तीय वर्ष 2022-23 में कार्य करवाने हेतु दो योजना क्रमशः 454000 और 316800 रुपये की खोली गई थी. लेकिन, धरातल पर दोनों योजनाओं का काम पूर्ण किये बगैर ही पंचायत सचिव और मुखिया के हस्ताक्षर युक्त चेक के माध्यम से अलग- अलग तारीखों में रुपए की अवैध निकासी कर ली गयी है. यही नहीं दोनों योजनाओं के लिए प्राक्कलित राशि के विरुद्ध जाकर लगभग 11 लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी थी. यही नही ताहिर इमाम ने इसके अलावा 8 फरवरी 2023 को भी चेक के माध्यम से आरटीपीएस काउंटर में स्टेशनरी खरीदने के नाम पर 106828 रुपये की निकासी की थी. जबकि स्टेशरी से संबंधित एक भी समान नहीं खरीदा गया था.
नाली और गली का होना था निर्माण
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