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भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की होती है प्राप्ति: देवी श्री दीदी

भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की होती है प्राप्ति: देवी श्री दीदी

बड़हिया. प्रखंड के पाली पंचायत के पाली गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में भागवत कथा सप्ताह ज्ञान चौथे दिन वृंदावन से आये देवी श्री दीदी ने भागवत कथा का महत्व बताते हुए प्रभु राम व कृष्ण जन्म की कथा सुनायी. उन्होंने कहा कि कलयुग में भागवत की कथा सुनने से जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों का अंत भी होता है. राम जन्म के प्रसंग के दौरान श्रीराम विवाह प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मां सीता के विवाह के लिए हो रहे धनुष यज्ञ प्रकरण के दौरान जब कोई भी राजा धनुष नहीं तोड़ पाया तो जनक जी परेशान हो गये. इसके बाद गुरू विश्वामित्र जी बोले हे राम उठो और धनुष को तोड़कर जनक के दुख को दूर करो. गुरू की आज्ञा पाकर भगवान राम उठे और धनुष को तोड़ दिया. कथा में भक्तों को श्री कृष्ण जन्म की कथा भी सुनायी. भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा भक्तों को श्रवण कराते हुए कहा कि श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो अपने आप जेल के ताले खुल गये और वासुदेव की बेड़ियां खुल गयी. श्रीकृष्ण इस संसार के पालनहार हैं. एक टोकरी में लेकर यमुना नदी को पार कर यशोदा मां और नंदलाल के पास छोड़ जाते हैं. भगवान श्रीकृष्ण ने दुष्टों का नाश करने के लिए ही धरती पर जन्म लिया था. इस धरती को अधर्म से मुक्ति दिलायी. उन्होंने कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं. भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं. उन्होंने कहा कि जब जब धरती पर पाप अनाचार बढ़ता है, तब.तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट को हरते हैं. कथा के दौरान कथा वाचिका देवी श्री दीदी ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किये. उन्होंने कहा कि आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है. जिसका परिणाम अंतत उसे भोगना पड़ता है. मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है. श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है. उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव. उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता. जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती. वहां हमेशा बैर बना रहता है.

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