अररिया. एक ओर जहां रविवार की रात बारिश से अररिया के लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. वहीं दूसरी ओर हल्की सी बारिश से ही विभिन्न वार्डों में जल-जमाव की समस्या पैदा हो गयी है.,करोड़ों की लागत से नगर परिषद में विभिन्न वार्डों में जल निकासी के लिए नाला का निर्माण कराया गया है. लेकिन नाला शोभा की वस्तु बनी हुई है. अधिकांश नाले से जल निकासी नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में वार्ड के लोगों को हल्की सी बारिश में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बुधवार की रात तेज बारिश व आंधी से शहरी क्षेत्र में जहां जल-जमाव की स्थाई समस्या बनी हुई है. वहीं दूसरी ओर तेज आंधी से ग्रामीण इलाकों में कई घरों के टीन के छत उड़ गये. वहीं खेत में लगे मक्का फसल को भी काफी क्षति हुई है. शहर के आजाद नगर वार्ड संख्या 19 में मुजाहिद आलम अधिवक्ता व शिक्षक मुश्ताक आलम के घर वाली सड़क पर जल-जमाव की समस्या रहने से घर से निकलना भी मुश्किल हो रहा है. मुजाहिद आलम ने बताया की अभी हाल में ही पीसीसी सड़क व उसके बीच में नाला निर्माण भी कराया गया था. लेकिन लाखों खर्च के बाद नाला से जल निकासी नहीं हो पाता है. वहीं वार्ड संख्या 20 में लड्डन हाजी वाली गली में नाला नहीं रहने के कारण इस गली में जल-जमाव की समस्या बनी रहती है. इसके अलावा हीरा चौक चित्रगुप्त नगर में भी सड़क से दो फीट ऊंचा नाला बना दिये जाने से सड़क का पानी नाला में जाता ही नहीं है. वहीं तेज आंधी से अररिया प्रखंड के बोची गांव में भी काफी नुकसान हुआ है. ग्रामीण जसीम उन ने बताया की तेज आंधी में लगभग एक दर्जन घरों का टीन का छत उड़ गया
दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर जल जमाव
भरगामा.
प्रखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग 327 ई के सटे खजुरी मुख्य बाजार को अंतर जिला पूर्णिया-मधेपुरा व सुपौल से जुड़ने वाली पक्की सड़क मौसम की हल्की बारिश में ही तालाब में तब्दील हो चुकी है. जहां से राहगीर को सफर करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. खजुरी से बनमनखी जाने वाली मुख्य मार्ग में कहीं तिरछी कटान, तो कहीं घुटने भर गड्ढा व गड्ढे में पानी लगा हुआ है. जिससे अंदाजा लगाना मुश्किल होता है की गहराई कितनी है इसी चक्कर में वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है. चारपहिया वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल है. जबकि रविवार की देर रात हुई हल्की बारिश ने हीं रही सही कसर निकाल दी. खजुरी बाजार से बनमनखी तक लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय करने में राहगीर को दो घंटे का समय लगता है. यह सड़क वर्षों से जर्जर है व मरम्मत के अभाव में दम तोड़ रही है. ग्रामीणों ने कहा सड़क बनने के बाद कई बार सांसद बदले व विधायक बदले लेकिन फिर भी नहीं बदली इस सड़क की तस्वीर. कहा कि चुनाव के समय में नेताओं द्वारा सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों के सामने विकास के कई दावे करते हैं. लेकिन जीतने के बाद वादा निभाना तो दूर वापस लौटकर यहां आना भी मुनासिब नहीं समझते.कीचड़ के कारण रोड पर पैदल चलना भी दुश्वार
कुर्साकांटा.
कुर्साकांटा-अररिया मार्ग के हत्ता चौक पर कीचड़मय सड़क से आवागमन में राहगीर सहित वाहन चालकों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि पूर्व से जर्जर सड़क व रेलवे लाइन निर्माण कार्य में बकरा नदी से मिट्टी ढुलाई के दौरान सड़क पर गिरे मिट्टी के कारण बारिश होते ही सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाता है. जिससे आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही आए दिन वाहन चालक दुर्घटना के शिकार भी हो रहे हैं. स्थानीय लोगों में शामिल अधिवक्ता सुशील झा, डॉ विकास कुमार, कन्हैया झा, मो जमीलुर्रहमान, अरविंद यादव, पंसस शिवनारायण यादव, राजीव कुमार ठाकुर, गोलोक झा, भूषण साह, बबलू गुप्ता, चंदन मंडल, मो साबिर आलम, मो पप्पू, जयप्रकाश सोनी, विद्यानंद पासवान सहित दर्जनों लोगों ने जिला पदाधिकारी से जर्जर सड़क की मरम्मति कार्य अविलंब शुरू करने की मांग की है.बारिश से किसानों के चेहरे पर खुशी
भरगामा.
प्रखंड क्षेत्र में रविवार की देर रात मौसम ने अचानक फिर करवट ली. जिसके बाद हवा के साथ बारिश हुई. जिससे मौसम काफी खुशनुमा हो गया.वहीं आम जनजीवन को भी गर्मी से राहत मिली है. तेज धूप व गर्मी से खेतों में नमी गायब हो जाने के कारण किसानों को पटवन की जरूरत पड़ रही थी. जबकि इस बारिश से किसानों के पटवन करने में होने वाले खर्च की बचत हुई है. वहीं आम व लीची की फसल को भी काफी फायदा पहुंचा है. हालांकि भीषण गर्मी के बीच हुई बारिश से मौसम खुशगवार हो गया व लोगों को राहत मिली. बारिश के कारण खेत में लगे कई फसलों को लाभ भी मिला है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है